Sunday, May 24, 2009

जानलेवा है मोबाइल टावर से निकलने वाला विकिरण

पुरुलिया सेल फोन कंपनियों द्वारा लगाये गये टावर प्राय: सभी जगह नजर आने लगे है। चाहे स्कूल हो, अस्पताल हो या बस्ती। इनके आस-पास मोबाइल कंपनियों के टावर अक्सर देखने को मिल जाते हैं। लेकिन इससे निकले वाली विकिरण 'ईलेक्ट्रो मैग्नेटिक रे' मानव शरीर के लिए कितना घातक है इससे आम लोग अनभिग्य हैं। पुरुलिया के जाने-माने वरिष्ठ चिकित्सक व समाजसेवी ने खास बातचीत में बताया कि मोबाइल टावर से निकलने वाला खास किरण 'ईलेक्ट्रो मैग्नेटिक रे' प्राणघातक होता है। टावर के एक वर्ग किमी में इसका कुप्रभाव ज्यादा होता है। इससे कैंसर जैसे जानलेवा बीमारी होने की ज्यादा आशंका रहती है। विशेष कर गर्भवती महिलाएं व उनके बच्चे के स्वास्थ्य पर इस विकिरण का ज्यादा प्रभाव पड़ता है। एक शोध के अनुसार एक मोबाइल टावर से निकलने वाला 1900 मेगाहार्ट विकिरण इतना शक्तिशाली होता है कि एक मजबूत कंक्रीट के दीवार को पर कर मानव के शरीर में प्रवेश कर जाता है। जिससे मानव शरीर में रोग प्रतिरोधकक्षमता कम हो जाती है।
कहां-कहां नहीं लगाने हैं टावरराज्य पर्यावरण विभाग द्वारा जारी निर्देश के मुताबिक स्कूल, अस्पताल व पतली गलियों में टावर नहीं लगाने है। इसके अलावा टावर व पड़ोस की घरों के बीच कम से कम तीन मीटर की दूरी होनी चाहिये। कैंपस के बाहर बोर्ड लगाकर टावर से होने वाली नुकसान के बारे में भी बताने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा टावर कर्मियों को भी इससे निकलने वाली विकिरण के बारे में बताने को निर्देश है।
क्या कहते हैं टीडीएमपुरुलिया के बीएसएनएल के टीडीएम रतन कुमार घोष का कहना है कि मोबाइल टावर से निकले वाली 'ईलेक्ट्रो मैग्नेटिक रे' मानव शरीर के लिए घातक है या नहीं यह पूरी तरह विवादित है। अभी तक इएमआर से किसी भी व्यक्ति का मृत्यु प्रमाणित नहीं किया जा सका है। इसके अलावा अभी तक इस रे से किसी भी तरह के रोग का भी प्रमाण नहीं मिला है। (साभार)

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