Saturday, September 25, 2010

दक्षिण भारत के प्रसिद्ध मंदिर की तर्ज पर बनाया जा रहा है पूजा पंडाल



शंकर जालान
मध्य कोलकाता के ताराचंद दत्त स्ट्रीट में बीते 41 वर्षों से यंग वायज क्ला की ओर से आयोजित होने वाली दुर्गापूजा विशाल व कलात्मक प्रतिमा के लिए जानी जाती है। इस बार यहां का पूजा पंडाल दक्षिण भारत के एक प्रसिद्ध मंदिर की तर्ज पर बनाया जा रहा है। पूजा पंडाल का उद्घाटन 12 अक्तूार को होगा। इस मौके पर राजनीतिक, सामाजिक व प्रशासनिक क्षेत्र से जुड़े कई जानेमाने लोग बतौर अतिथि मौजूद रहेंगे। पूजा के मुख्य आयोजक राकेश सिंह और विक्रांत सिंह ने बताया कि देश के विभिन्न शहरों में स्थित किसी न किसी मंदिर की हू-ब-हू आकृति का पंडाल बीते कई वर्षों से बनाया जा रहा है। इसी कड़ी में इस बार दक्षिण भारत के प्रसिद्ध मंदिर की तर्ज पर भव्य व कलात्मक पंडाल बनाया जा रहा है। सिंह ने बताया कि चंद्रा डेकोरेटर्स के कई कारीगर बीते कई सप्ताह से पंडाल बनाने में जुटे हैं। उन्होंने बताया कि पंडाल की तुलना में वे चाहते हैं कि प्रतिमा अधिक कलात्मक और दर्शनीय हो।
सिंह ने बताया कि कई सालों से उल्टाडांगा के मूर्तिकार सनातन रुद्र पाल हमारे पूजा पंडाल के लिए प्रतिमा ानाते आ रहे थे। बीते साल मूर्तिकार तारक पाल ने मां दुर्गा समेत गणेश, कार्तिक, लक्ष्मी व सरस्वती की मूर्ति बनाई थी, लेकिन इस बार सुबोधचंद्र पाल को प्रतिमा बनाने का जिम्मा दिया गया है। सिंह के मुताबिक एक प्लेट पर मिट्टी से बनी प्रतिमा में मूर्तिकार क्ला के सदस्यों की सोच और अपने अनुभव से ऐसी कलाकृत्ति प्रस्तुत करता है कि देखने वाले देखते ही रह जाते हैं।
बिजली सज्जा के सवाल पर विनोद सिंह ने बताया कि तारातंद दत्त स्ट्रीट के दोनों छोर (रवींद्र सरणी से चित्तरंजन एवेन्यू तक) पर बल्बों की लटकन, वृक्षों पर पर्यावरण के महत्त्व को उजागर करने के मकसद से हरी ट्यूब लाइट और पंडाल के समीप काफी संख्या में हेलोजिन लाइटें लगाई जाएंगी। सिंह ने बताया कि पंडाल के भीतर लगने वाला विशाल झूमर भी देखने लायक होगा। बिजली सज्जा की जिम्मेवारी एसके इलेक्ट्रिक व जीके इलेक्ट्रिक के कंधे पर है। उन्होंने बताया कि कलात्मक प्रतिमा के लिए क्ला को कई बार विभिन्न सरकारी व गैरसरकारी संगठनों की ओर से पुरस्कत किया गया है और उनके पंडाल में रखी प्रतिमाओं को संग्रहालयों में भी भेजा गया है।

Friday, September 24, 2010


मैं हो गईं सरताज ।
देखो, मेरी चुटकी में है ताज ।।

आर्थिक असमानता को खत्म करना जरूरी - राष्ट्रपति

कोलकाता से शंकर जालान
कोलकाता, राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटील ने कहा कि देश के आर्थिक विकास में मारवाड़ी समाज की सराहनीय भूमिका रही है। बावजूद इसके आर्थिक असमानता बढ़ती जा रही है। इसे खत्म करने के लिए न केवल मारवाड़ी समाज के लोगों को, बल्कि देश के हर नागरिक को अपने-अपने स्तर पर प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि सही मायने में देश का विकास तभी होगा, जब महिलाएं शिक्षित होंगी। राष्ट्रपति ने ये बातें शेक्सपियर सरणी स्थित संगीत कला मंदिर के सभागार में कही। उन्होंने कहा कि कारोबार में नैतिकता जरूरी है।
अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन (अभामस) के कौस्तुभ जयंती (75 वर्ष पूरे होने) के मौके पर बतौर उद्घाटनकर्ता राष्ट्रपति ने महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए कहा कि अभासम की स्थापना 1935 में समाज के विकास और इसमें व्याप्त कुरीतियों पर रोक लगाने के उद्देश्य से की गई थी। उन्होंने कहा कि न केवल कोलकाता अपितु देश के जिन-जिन शहरों में मारवाड़ी गए वहां की संस्कृति, भाषा और परिवेश को न केवल अपनाया, बल्कि वहां के लोगों के दुख-दर्द में शामिल भी हुए।
उन्होंने कहा कि मारवाड़ी समाज के लोगों ने स्वाधीनता संग्राम में जो योगदान दिया है, उसे भुलाया नहीं जा सकता। इसके अलावा युद्ध, बाढ़, अकाल, भूकंप व सूखा जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान भी सेवा करने वालों की कतार में मारवाड़ी समाज के लोग अग्रणी पंक्ति में खड़े थे।
राष्ट्रपति ने नारी शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि अच्छी पढ़ाई दीर्घकालीन निवेश है। शिक्षा को लड़का-लड़की में बांटना ठीक नहीं है। उन्होंने केंद्र सरकार की इस पहल का स्वागत किया, जिसमें अनिवार्य और प्राथमिक शिक्षा को नि:शुल्क रूप मुहैया कराने की बात कही गई है।
इससे पहले राज्यपाल एमके नारायणन ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में मारवाड़ी समाज के लोगों ने अतुलनीय व अनुसणीय काम किया है। मारवाड़ी सम्मेलन का नाम आने वाले दिनों में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा कि आज देश में कई महत्वपूर्ण पदों पर महिलाएं आसीन है, जैसे राष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष, संयुक्त प्रगतिशील सरकार (संप्रग) की चेयरमैन के अलावा कई महिलाओं को केंद्रीय मंत्री का दर्जा मिला हुआ है तो कई राज्यों की मुख्यमंत्री महिला हैं। इसके बावजूद महिला आरक्षण बिल का लंबित पड़ा रहता दुखद है।
कौस्तुभ जयंती समारोह के चेयरमैन सीताराम शर्मा ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि अभामस सामाजिक सुधार की दिशा में तत्परता व तेजी से काम करे। अभामस के अध्यक्ष नंदलाल रूंगटा ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि संस्था समाज सुधार के क्षेत्र में स्थापना काल से व्यापक स्तर पर काम कर रही है। अभामस के प्रयास से लोगों में जागरूकता बढ़ी है। जहां पर्दा प्रथा पर अंकुश लगा है। वहीं, विधवा महिलाओं के विवाह में तेजी आई है।
कार्यक्रम में अभामस के कौस्तुभ जयंती के मौके पर भारत सरकार के डाक विभाग द्वारा ‘स्पेशल पोस्टल कवर’ जारी किया गया। इस मौके पर अभामस की ओर से राष्ट्रपति, राज्यपाल, सांसद, राज्य के कृषि मंत्री नरेद दे व देवीसिंह शेखावत को संस्था का प्रतीक चिन्ह भेंट किया गया। कार्यक्राम का संचालन अभामस के संयुक्त सचिव संजय हरलालका ने किया और सचिव राम अवतार पोद्दार ने धन्यवाद दिया। समारोह को सफल बनाने में आत्माराम सोंथलिया, ओमप्रकाश पोद्दार, कैलाशपति तोदी समेत कई लोगों ने सक्रिय भूमिका निभाई।
शंकर जालान
फोटो परिचय - अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के कौस्तुभ जयंती भारत सरकार के डाक विभाग द्वारा ‘स्पेशल पोस्टल कवर’ की पहली प्रति राष्ट्रपति को भेंट करते राज्यपाल एमके नारायणन। कोलकाता से शंकर जालान