Sunday, June 5, 2011

फ्लाईओवर के कारण बंग होने की कगार पर हैं कई पेट्रोल पंप

महानगर कोलकाता

शंकर जालान


कोलकाता। महानगर कोलकाता के निवासियों को जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए और वाहन का चक्का हर चौराहे पर न रूके व उसमें बैठे मुसाफिर सही समय पर अपने गंतव्य स्थान पर पहुंच सके इसके लिए इन दिनों उत्तर से दक्षिण कोलकाता के बीच कई मुख्य रास्तों पर फ्लाई ओवर (उड़ान पुल) का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर जारी है। आम लोगों के लिए भले ही यह अच्छी खार हो, लेकिन इन मार्गों पर पड़ने वाले कई पेट्रोल पंपों में बिक्री के लिहाज से यह बुरी खबर है। इस वजह से कुछ पेट्रोल पंप बंद होने के कगार पर है। इन पेट्रोल पंपों के मालिकों का कहना है कि बेशक फ्लाई ओवर बनने से आम लोगों को राहत मिलेगी और शहर की सड़कों की जाम की समस्या भी कम होगी, लेकिन इससे साथ-साथ उनके पेट्रोल पंप की बिक्री भी प्रभावित होगी।आचार्य जगदीशचंद्र बोस रोड पर स्थित एचपी कंपनी के एक पेट्रोल पंप के प्रांधक ने कहा कि जा से रेस कोर्स और पार्क सर्कस को जोड़ने वाला फ्लाई ओवर चालू हुआ है, तब से उनके पेट्रोल पंप की बिक्री लगभग आधी हो गई है। इसमें भी ज्यादा प्रभावित पेट्रोल की बिक्री हुई है। इसका खुलासा करते हुए उन्होंने कहा कि फ्लाई ओवर बनने के बाद अधिकर छोटे वाहन (टैक्सी, निजी गाड़ी, स्कूटर और मोटरसाइकिल) जो पेट्रोल से चलते है वे यह रास्ता तय करने के लिए प्राथमिक तौर पर फ्लाई ओवर का इस्तेमाल करते हैं। इसलिए अगर उन्हें ईधन की जरूरत होती है तो या तो वे फ्लाई ओवर पर चढ़ने से पहले पेट्रोल खरीद लेते हैं या फिर उड़ान पुल से उतरने के बाद खरीदते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ बस और मिनी बस आदि जो इस रूट पर चलती हैं उन्हीं के चालक हमारे पंप से डीजल खरीदते हैं। इनमें भी ज्यादातर बस वाले एक निर्धारित पंप से ही डीजल खरीदना पसंद करते हैं। कुछ चालक हैं जो नियमित रूप से हमारे पंप से डीजल खरीदते हैं, लेकिन उन्हें अपना ग्राहक बनाए रखने के लिए हमें उधार की सुविधा देनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि हमें कंपनी को अग्रिम चेक या ड्राफ्ट देकर डीजल और पेट्रोल खरीदना और बस चालकों को सात से दस दिन की उधारी पर बेचना पड़ता है। उन्होंने कहा कि फ्लाई ओवर बनने से पहले यह नौबत नहीं थी। डीजल के साथ-साथ अच्छी-खासी मात्रा में पेट्रोल बिकता था और वह भी उधार नहीं नगद, लेकिन आ पेट्रोल खरीदने वाले ग्राहकों का तो घंटों इंतजार करना पड़ता है।इसी तरह दक्षिण कोलकाता के डायमंड हार्बर रोड स्थित तारातला चौराहे पर जाम की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए बने फ्लाई ओवर ने इस समस्या से यात्रियों को निजात तो अवश्य दिला दी, लेकिन तारातला के विपरीत स्थित आईओ कंपनी के पेट्रोल पंप को बंद होने के कगार पर ला दिया। पंप पर काम करने वाले एक कर्मचारी ने बताया कि फ्लाई ओवर निर्माण के पहले उसे ग्राहकों को डीजल व पेट्रोल देने की फुर्सत नहीं मिलती थी। दिन भर नोजल (डीजल-पेट्रोल डिलीवरी का यंत्र) हाथों में रहता था और पंप पर वाहनों की कतार लगी रहती थी, लेकिन आ तो ऐसा ख्याल मन में लाना स्वपन देखने के बराबर लगता है। पहले जहां दिनभर में एक टैंकर (दस हजार लीटर) डीजल-पेट्रोल आराम से बिक जाया करता था, लेकिन आ तो इतनी मात्रा में डीजल-पेट्रोल की खपत एक सप्ताह में भी नहीं हो पाती है।वहीं, मध्य कोलकाता में गिरीश पार्क और पोस्ता बाजार के बीच बन रहे फ्लाई ओवर ने विवेकानंद रोड स्थित बीपी कंपनी के पेट्रोल पंप के अस्तित्व पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। पंप के खंजाची का कहना है कि ज्यों-ज्यों फ्लाई ओवर निर्माण के काम में तेजी आ रही है, त्यों-त्यों उनके पंप की बिक्री कम होती जा रही है। उन्होंने बताया कि विवेकानंद रोड वन वे यानी एक तरफा रास्ता है इस रास्ते पर केवल पोस्ता बाजार से आने वाले वाहन ही चलते हैं और फ्लाई ओवर निर्माण के कारण जहां-तहां रास्तों की खुदाई कर दी गई है, जिस वजह से अपने वाहनों के लिए डीजल-पेट्रोल लेने की इच्छुक चालक उनके पंप तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जा अभी से यह हाल है तो फ्लाई ओवर बनने और चालू होने के बाद तो मानों ग्राहकों के इंतजार में हाथ पर हाथ धरे बैठा रहना पड़ेगा।

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