Friday, January 27, 2012

खड़े होकर पढ़ाने का फरमान

शंकर जालान




क्लास रूम में कुर्सी पर बैठ कर नहीं, बल्कि खड़े होकर पढ़ाईए, क्योंकि कुर्सी पर बैठे-बैठे उंघना शुरू होता है फिर नींद आने लगती है'। कुछ इस तरह का अटपटा फरमान दक्षिण कोलकाता के भवानीपुर स्थित खालसा इंग्लिश हाईस्कूल की प्रबंधन समिति की ओर से शिक्षिकाओं के लिए जारी किया गया है। जबकि इस अटपटे फरमान को मानने से इनकार करते हुए शिक्षिकाओं ने कक्षाओं का बायकाट कर स्कूल परिसर में प्रदर्शन किया। वहीं, प्रबंधन समिति फरमान को सही ठहराते हुए इसे न बदलने पर अड़ा हुई है। इस बाबत समिति के एक पदाधिकारी ने बताया कि अनेक बार सीसीटीवी फुटेज में शिक्षिकाओं को क्लास रूम में कुर्सी पर ऊंघते और सोते हुए देखा गया, जिसके बाद सभी कक्षाओं से कुर्सियां हटा ली गईं। अब जारी फऱमान के तहत कक्षाओं में दोबारा कुर्सियां नहीं रखी जाएंगी।
कुर्सी हटाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रही शिक्षिका शिखा मुखोपाध्याय के मुताबिक क्लास रूम में ऊंघने के दौरान संबंधित शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है, लेकिन कुर्सी हटा लेना शिक्षिकाओं का अपमान है। इस फरमान ने विवाद का रूप लिया और देखते ही देखते विवाद प्रदर्शन में बदल गया। सूचना मिलने पर भवानीपुर थाने की पुलिस ने खालसा हाईस्कूल पहुंच कर शिक्षिकाओं और प्रबंधन समिति के लोगों के बीच सुलह कराने की कोशिश की, लेकिन दोनों पक्ष अपनी अपनी मांग को लेकर अड़े हैं। स्कूल बीते कई दिनों से बंद है। जिसे लेकर अभिभावक और बच्चे परेशान हैं। सुना जा रहा है कि इस मुद्दे पर शिक्षिकाएं अदालत का दरवाजा खटखटाने का मन बना रही है।

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