Saturday, March 3, 2012

अफीम है इनकी जिंदगी

शंकर जालान


कहने को तो आजादी के बाद से ही देश में अफीम का उत्पादन व कारोबार प्रतिबंधित है, लेकिन हकीकत यह है कि आज भी उत्तर दिनाजपुर जिले के १२ लाइसेंसशुदा नशेड़ियों को सरकार अफीम की आपूर्ति करती है। यह नियम अंग्रेजों के जमाने से ही चला आ रहा है। इन सबों को चिकित्सकों के परामर्श से शारीरिक बाध्यता के चलते अफीम दी जाती है। पहले अफीम की बिक्री के लिए लाइसेंस दिए जाते थे, लेकिन वह नियम अब बंद है। इसीलिए सरकार सीधे ट्रेजरी के जरिए अफीम की आपूर्ति नशेड़ियों को करती है। मालूम हो कि कानूनन अफीम का सेवन, संग्रह या इसकी खेती करना दंडनीय अपराध है। आरोप साबित होने पर दस साल की जेल के अलावा कई लाख रुपए का जुर्माना लग सकता है। हालांकि इन १२ लाइसेंसी अफीमचियों पर यह कानून लागू नहीं होता। अफीम की खेती को हतोत्साहित करने के लिए ही यह कानून बनाया गया है। अंग्रेजों के जमाने में अफीम के कारोबार से ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने प्रचुर लाभ अर्जित किया था। उस समय अफीम सेवन के लिए सरकारी लाइसेंस दिए जाते थे। उनमें से ही अब केवल एक दर्जन अफीमची रह गए हैं। इनमें एक महिला भी हैं। नए सिरे से किसी को लाइसेंस नहीं दिए जाते। इन लोगों के पास अफीम हासिल करने के लिए सरकारी राशन कार्ड है। उल्लेखनीय है कि पूरे देश में अफीम या पोस्तो की खेती पर प्रतिबंध है। कानूनी तौर पर उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के एक सरकारी फार्म में अफीम की खेती होती है, जिसका वैज्ञानिक उपयोग भी है। वहीं से इन अफीमचियों के लिए अफीम मंगाई जाती है। इसके अलावा अफगानिस्तान से भी अफीम मंगाई जाती है। अफीम की खेती नहीं की जा सके, इसके लिए इसे पानी में उबाल कर उसे बाजार में पोस्तो के नाम से बिक्री की जाती है। पोस्तो का उपयोग मसाले के बतौर किया जाता है। चूंकि अफीम का सेवन करने वाले इसे छोड़ नहीं सकते इसलिए अंग्रेज सरकार ने यह नियम बनाया था जिसका आज भी अनुपालन करना पड़ रहा है। अफीम मंगाकर सरकारी कार्यालय से इसे कड़ी सुरक्षा के बीच ट्रेजरी भेजा जाता है। वहां से इसे डीलरों के जरिए अफीमचियों तक पहुंचाया जाता है। इन अफीमचियों को प्रत्येक सप्ताह १२ ग्राम अफीम सेवन के लिए दी जाती है। रायगंज के एक अफीमची ने बताया कि अफीम नहीं मिलने पर मृत्यु जैसी यंत्रणा भोग करनी पड़ती है। उन्होंने बताया कि बचपन में इसकी आदत लग गई। अब तो यह इनके लिए जिंदगी बन गई है। सरकार यह अफीम इन्हें मात्र ६० रुपए में उपलब्ध कराती है।

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