Friday, April 8, 2011

माकपा व तृणमूल में कोई फर्क नहीं : गणेश धनानिया

शंकर जालान कोलकाता,। उत्तर कोलकाता स्थित श्यामपुकुर विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की टिकट पर चुनाव लड़ रहे गणेश धनानिया का कहना है कि माकपा व तृणमूल कांग्रेस में कोई खास फर्क नहीं है। कभी माकपा के समर्थक रहे लोग ही आज परिवर्तन की हवा का लाभ उठाने के लिए तृणमूल कांग्रेस का झंडा पकड़े हुए हैं। रही बात कांग्रेस की तो उसने तो तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के सामने मानो आत्मसमर्पण कर दिया हो। इसलिए मैं न केवल श्यामपुकुर बल्कि पूरे राज्य की जनता से अपील करता हूं कि वह आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवारों को विजय बनाकर न केवल विधानसभा भवन पहुंचाएं, बल्कि राज्य में हिंसा और अराजकता की राजनीति करने वाली माकपा और तृणमूल कांग्रेस को हराकर बुद्धदेव भट््टाचार्य व ममता बनर्जी को करारा जवाब दे। बातचीत में धनानिया ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें खासा समर्थन मिल रहा है। हिंदीभाषी होने की वजह से क्षेत्र के काफी लोग मेरे साथ हैं। उन्होंने बताया कि फारवर्ड ब्लॉक ने यहां से जीवन प्रकाश साहा और तृणमूल कांग्रेस ने शशि पांजा को उम्मीदवार बनाया है। जबकि ये दोनों ही उम्मीदवार गैर हिंदीभाषी है और इलाके में पचास फीसद से ज्यादा हिंदीभाषी मतदाता है। इसका लाभ चुनाव परिणाम के रुप में उन्हें अवश्य मिलेगा। एक सवाल के जवाब में धनानिया ने बताया कि जीतने पर क्षेत्र में ‘राम राज’ लाने की पूरी कोशिश करूंगा। इसके तहत शिक्षा, स्वास्थ्य, बस्ती व पार्को के विकास के साथ-साथ सड़क मरम्मत की दिशा में धारावाहिक रुप से काम करता रहूंगा। इलाके से गुंडागर्दी खत्म करने की भी पहल करूंगा। इसके अलावा क्षेत्र के वरिष्ठ व अनुभवी नागरिकों को साथ लेकर श्यामपुकुर के समुचित विकास के लिए न केवल योजना तैयार करूंगा, बल्कि उसे क्रियान्वित भी करूंगा। धनानिया ने बताया कि नीमतला व काशी मित्र घाट का कायाकल्प, बंद पड़े मेयो अस्पताल को खुलवाने और गंगा घाटों के की मरम्मत भी उनकी कार्य सूची में शामिल है। इसके साथ ही बदमाश बस्ती पर रह रही महिलाओं को पुलिसिया और राजनीति जुल्म से मुक्ति दिलाना, बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराना भी उनकी प्राथमिकताओं में शामिल हैं। श्यामपुकुर में भाजपा का कोई खासा प्रभाव नहीं है? फारवर्ड ब्लॉक के उम्मीदवार जीवन प्रकाश साहा, तृणमूल कांग्रेस की शशि पांजा समेत विरोधी दलों के उम्मीदवारों को चुनाव में पछाड़ने के लिए कोई विशेष रणनीति बनाई है क्या? फारवर्ड ब्लॉक व तृणमूल कांग्रेस में किसे निकटतम प्रतिद्वंदी मान रहे हैं? इन सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि बीते दो-तीन सालों में श्यामपुकुर ही क्या पूरे राज्य में भाजपा का प्रभाव बढ़ा है। 2006 में जो चुनाव हुआ था और 2011 में होने वाले चुनाव में काफी फर्क है। इस बार कई सीटें परिसीमन की भेंट चढ़ गई है। कई क्षेत्रों में फेरबदल हुआ है। इसका लाभ मुझे अवश्य मिलेगा। जहां तक फारवर्ड ब्लॉक व तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार को पछाड़ने की बात है, तो काम मतदाताओं का है। मैं केवल भाजपा की उपलब्धि और क्षेत्र की वर्तमान समस्याओं को लेकर मतदाताओं के पास जा रहा है। अब यह तय करना मतदाताओं का काम है कि वह किसे विधायक चुनती है। इतना जरूर कह सकता हूं कि प्रचार के दौरान मुझे जिस तरह का समर्थन मिल रहा है उसे देखते हुए मुझे मेरी जीत पक्की लगती है।

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