Friday, April 1, 2011

मीना पुरोहित को है ‘कमल’ खिलने की उम्मीद

शंकर जालान कोलकाता। जोड़ासांकू विधानसभा क्षेत्र में इस बार कमल फूल खिलेगा ही खिलेगा, इसके साथ ही राज्य की अन्य सीटों पर भी इस बार कमल फूल खिलने की संभावना है। राज्य की जनता बदलाव के साथ-साथ शांति चाहती है, जो केवल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मार्फत ही संभव है। राज्य के मतदाता माकपा और तृणमूल कांग्रेस की हिंसा व अराजकता से ऊब चुकी है और कांग्रेस लगभग नगण्य हो गई है। ऐसी स्थिति में मतदाताओं के पास एक मात्र विकल्प रह जाता और वह है भाजपा। यह कहना है कोलकाता की पूर्व डिप्टीमेयर, वर्तमान में वार्ड 22 की पार्षद और जोड़ासांकू विधानसभा केंद्र से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही मीनादेवी पुरोहित का। उन्होंने बताया कि बतौर डिप्टीमेयर व पार्षद मैंने ईमानदारी से बेहतर काम किया, बराबर लोगों के संपर्क में रही और लोगों के सुख-दुख का हिस्सा बनी इसी का प्रतिफल है कि पार्टी ने उन पर विश्वास जताते हुए उन्हें विधानसभा का टिकट दिया और उन्हें उम्मीद है कि इलाके की जनता भी उनपर भरोसा करते हुए उन्हें वोट रूपी आशीर्वाद देते हुए विधानसभा भवन अवश्य पहुंचाएंगी।फिलहाल राज्य में भाजपा का एक भी विधायक नहीं है, ऐसे में आम जीत की उम्मीद किस आधार पर कर रही हैं? जीतने पर आप की क्या प्राथमिकता होगी? किसी अपना निकटतम प्रतिद्वंदी किसे मान रही है? लोगों के पास क्या वायदे लेकर जा रही है? प्रचार के दौरान कैसा समर्थन मिल रहा है? क्या प्रचार के लिए कोई केंद्रीय नेता आने वाले हैं? परिसीमन का क्या प्रभाव पड़ेगा? इन सवालों के जवाब में पुरोहित ने कहा कि यह कोई जरूरी नहीं कि 2006 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को जीत नहीं मिली तो 2011 में भी नहीं मिलेगी। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कर्नाटक में कभी भाजपा के मात्र दो विधायक थे और आज वहां भाजपा की सरकार है। उन्होंने कहा कि 2006 में भाजपा ने तृणमूल के साथ मिलकर केवल 29 सीटों पर चुनाव लड़ था और उनमें भी 25 से ज्यादा ऐसी सीटें थी जहां 50 फीसद से ज्यादा अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाता थे। जीतने पर इलाके की बस्ती के विकास के साथ-साथ सड़क, प्रकाश, पार्क, पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा समेत कई समस्याओं को दूर करते हुए क्षेत्र को मॉडल बनाने की पूरी कोशिश करूंगी। जहां तक प्रतिद्वंदिता का सवाल है वैसे तो मेरी लड़ाई किसी से नहीं है। मैं हर हाल में जीत रही हूं। माकपा की जानकी सिंह व जनता दल यूनाइटेड के मोहम्मद सोहराब कोई गिनती में नहीं है, हां इन दोनों की तुलना में तृणमूल कांग्रेस की स्मिता बक्सी कुछ अधिक वोट बटोर सकती हैं। इसके बावजूद उनका चुनाव परिणाम प्रभावित नहीं होगा।मीना पुरोहित ने कहा- मतदाताओं से बिल्कुल सहज रूप से मिल रही है। जहां तक वायदे की बात है तो मैं कथनी में नहीं करनी में विश्वास रखती हूं। क्षेत्र की जनता मुझे बतौर पार्षद कई सालों से देख रही है और मेरे काम से संतुष्ट है, इसलिए मैं अन्य उम्मीदवारों की तरह वायदों की झड़ी नहीं लगाना चाहती। प्रचार के दौरान व्यापक समर्थक मिल रहा है। ज्यों-ज्यों चुनाव की तिथि नजदीक आएगी, प्रचार तेज होगा और निश्चित तौर पर कई केंद्रीय नेता प्रचार के लिए आएंगे। परिसीमन का कुछ प्रभाव पड़ेगा, लेकिन मेरी जीत प्रभावित नहीं होगी।उन्होंने बताया कि विधानसभा पहुंचकर व्यापारियों की दिक्कतों को दूर करना, विधवा महिलाओं को भत्ता मुहैया कराना, सरकारी स्कूल के कायाकल्प और हिंदीभाषियों की समस्या के समाधान की दिशा में भी तेजी से काम करूंगी।

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