Saturday, August 20, 2011
कुम्हारटोली - देवी पर भारी दीदी
शंकर जालान
पश्चिम बंगाल के मुख्य धार्मिक पर्व दुर्गापूजा में अब दो महीने से भी कम का समय रह गया है और इस बार दुर्गोत्सव में कुछ ज्यादा ही राजनीतिक रंग चढ़ा दिख रहा है। हालांकि पांच दिनों तक चलने वाले दुर्गोत्सव में हर बार प्रतिमा, पंडाल और बिजली सज्जा के जरिए आयोजक बीते साल की प्रमुख घटनाओं को रेखांकित करते रहे हैं। हुगली जिले के सिंगुर स्ट्रीट नैनो कारखाना, ट्रेन हादसा, कारगिल युद्ध, भारतीय क्रिकेट की उपलब्धियां, नारी शक्ति, पर्यावरण, नोबल सिटी पर बंगाल में न केवल दुर्गापूजा आयोजित होती रही है, बल्कि चर्चित भी रही है। इस बार पर कुम्हारटोली के मूर्तिकारों पर देवी (दुर्गा) के बदले दीदी (ममता बनर्जी) भारी पड़ रही है।
उत्तर कोलकाता के कुम्हारटाली में अधिकांश मूर्तिकारों के लिए तृणमूल कांग्रेस प्रमुख, राज्य में ३४ सालों से सत्तासीन वाममोर्चा को सत्ताविहीन करने वाली ममता बनर्जी सर्वाधिक पसंदीदा चेहरा (फिगर) बन गई है। सत्ता में आने और राज्य की मुख्यमंत्री बनने के बाद अपनी कार्य शैली के बलबूते राज्य की जनता के दिलों में घर बनाने वाली ममता बनर्जी अब मूर्तिकारों के दिलों-दिमाग पर छाई हुई है। दुर्गापूजा आयोजित करने वाली अनेक कमिटियां इस बार दीदी (ममता बनर्जी) की अनुकृति वाली प्रतिमा की मांग कर रही है।
बहुचर्चित मूर्तिकार सनातन रूद्र पाल ने शुक्रवार को बताया कि हुगली जिले के तारकेश्वर की एक पूजा कमिटी ने दीदी की झलक वाली प्रतिमा गढ़ने का आर्डर दिया है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा अन्य कई पूजा कमिटियां परिवर्तन का ध्यान में रखते हुए पूजा आयोजित कर रही हैं।
एक अन्य मूर्तिकार अशोक पाल ने बताया कि नदिया जिले के कृष्णनगर की रहने वाली दो महिलाओं (सास-बहू) ने उन्हें एक फीट की एक चाल की दुर्गा प्रतिमा बनाने का आर्डर दिया है और उनकी शर्त है कि देवी दुर्गा का चेहरा हू-ब-हू ममता से मनी। अशोक पाल के मुताबिक ये दोनों महिलाओं ने उन्हें बताया कि पांच दिनों तक पूजा-अर्चना करने वाले बाद वे ममता की झलक वाली एक फीट की दुर्गा प्रतिमा को गंगा में विर्सजित नहीं करेंगी, बल्कि किसी खास मौके पर दीदी को भेंट करेंगी। इन महिलाओं ने बताया - वे दीदी के जीवन व शख्सियत से इतने अधिक प्रभावित और सम्मोहित हो गए हैं कि हम उनको (ममता) कुछ विशेष चीज भेंट करना चाहते हैं।
इसी तरह हावड़ा के रहने वाले बबलू सेनापति ने कहा- मैंने दीदी की शक्ल की प्रतिमा का आर्डर दिया है। मैं प्रतिमा को मिट्टी से नहीं फाइबर से बनवाना चाहता हूं, लेकिन मूर्तिकार समयाभाव का कारण आर्डर नहीं ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक मूर्तिकार का आश्वासन दिया है कि वे समय पर प्रतिमा बनाकर दे देंगे, लेकिन अभी तक उन्होंने बयाना (अग्रिम भुगतान) नहीं लिया है इसलिए मेरे मन में कुछ संशय है। उन्होंने बताया कि उनकी दिली इच्छा है कि दीदी के जन्मदिन पर उन्हें उनकी शक्ल की दुर्गा प्रतिमा उपहार स्वरुप दें।
मालूम हो कि विगत में कुम्हारटोली के मूर्तिकारों ने असुर के रूप में ओसामा बिन लादेन, परवेज मुशर्ऱफ और दाउद इब्राहिम को पेश किया था, लेकिन दंगा भड़कने के डर से पुलिस ने मूर्तिकारों को ऐसा करने से मना कर दिया था। पुलिस के दवाब में मूर्तिकारों को अपनी सोच बदलते हुए प्रतिमा के प्रारूप को बदलना पड़ा था।
कुम्हारटोली मृत शिल्प संस्कृति समिति के संयुक्त सचिव मिंटू पाल ने बताया कि कुम्हारटोली के मूर्तिकारों को दीदी से काफी उम्मीदें हैं। उन्होंने बताया कि संस्था की ओर से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पत्र लिखा गया है कि वे (ममता) कुम्हारटोली में आर्ट गैलरी बनाने और मूर्तिकारों के लिए आधुनिक कार्यशालाओं के निर्माण बाबत कुछ सार्थक पहल करें। राइटर्स बिल्डिंग के सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री मूर्तिकारों की मांगों को पूरा करने पर पहल कर रही हैं। इस बाबत विचार-विमर्श जारी है।
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bahut achchhi jankari di hai aapne .shipkaron ki maang jayaj hai.aabhar
ReplyDeleteBLOG PAHELI-2
BHARTIY NARI