Monday, October 3, 2011

पूजा पंडालों में दर्शनाथियों की भीड़

शंकर जालान





कोलकाता। महाषष्ठी के मौक रविवार को ही पूजा पंडालों में दर्शनाथियों की भीड़ उमड़ने लगी। दक्षिण, मध्य व उत्तर कोलकाता के अलावा हावड़ा, उत्तर चौबीस परगना, दक्षिण चौबीस परगना और साल्टलेक के कई पूजा पंडालों में रविवार शाम से ही दर्शनार्थियों का तांता लगा रहा। दर्शक विशेष थीम की पूजा को अधिक पसंद कर रहे हैं। यंग व्बायज क्लब (ताराचंद दत्त स्ट्रीट) में काल्पनिक मंदिरनुमा भव्य पंडाल, सिंधी पार्क में दक्षिणेश्वर की आकृति का पंडाल, श्री बड़ाबाजार सार्वजनीन दुर्गापूजा कमिटी (जौहरीपट््टी) में स्वर्ग लोक की झलक, त्रिधारी सम्मिलनी (रासबिहारी एवेन्यू) में राजस्थान का नजारा, मानिकतला-चलताबागान लोहापट््टी दुर्गापूजा कमिटी (अमहर्स्ट स्ट्रीट) में कांच की कला, राममोहन स्मृति संघ (अमहर्स्ट रो) में प्राकृति व पर्यावरण का महत्व और यूथ एसोसिएशन (मोहम्मद अली पार्क) में नारी के विविध रूप पर आधारित पूजा आयोजित की गई है, जिसे देखने भारी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।
चेयरमैन का चलन : बीते कुछ सालों के दौरान दुर्गापूजा के मौके पर विभिन्न संस्थाओं द्वारा चेयरमैन बनाने का चलन चल पड़ा है। पूजा कमिटियां आर्थिक सहयोग के मद्देनजर चेयरमैन का चयन करती हैं। इसी का फायदा उठाकर प्रचार लोभी कुछ लोग कई पूजा कमिटियों के चेयरमैन बन जाते हैं। भले ही जो व्यक्ति चेयरमैन बनता है वह पूजा कमिटी का आर्थिक रूप से सहायक होता हो, लेकिन इससे कभी-कभी कमिटी के सदस्य में मतभेद हो जाता है। सदस्य का कहना है कि पूरे साल तक कमिटी से जुड़े रहने और हर वक्त काम आने के बावजूद पूजा के वक्त सिर्फ पैसे के कारण एक व्यक्ति को पूजा कमिटी का चेयरमैन बनाकर विशेष प्रचार देना उन्हें नागवार गुजरता है। सदस्यों का कहना है कि जो व्यक्ति चेयरमैन बनता है वह अपने निजी खर्च पर बड़े-बड़े होर्डिंग और बैनर इतनी अधिक संख्या में लगता है कि आयोजक कमिटी और उसके सदस्य मानो नगण्य हो जाते हो। सदस्यों के मुताबिक- प्रचार पाने की हद तो तब पार कर जाती है, जब एक ही व्यक्ति दो-दो पूजा कमिटियों का चेयरमैन बन जाता है। सदस्यों ने बताया कि वे कमिटी के पदाधिकारियों का सम्मान करते हैं, इसलिए खुलकर विरोेध नहीं करते। सही मायने में वे चेयरमैन नियुक्त करने के खिलाफ हैं और ऐसे व्यक्ति को तो बिल्कुल ही चेयरमैन नहीं मानना चाहते, जो किसी और पूजा कमिटी के चेयरमैन पद पर हो।
सुस्त हुआ महानगर का ट्रैफिक : चार दिवसीय दुर्गोत्सव शुरू होते ही महानगर की सड़कों पर ट्रैफिक जाम और बढ़ गया । शहर के विभिन्न इलाकों में सड़कों के किनारे बने पूजा पंडालों पर दर्शन की भीड़ की वजह से ट्रैफिक की रफ्तार पर ब्रेक लग गया है। कुछ इलाकों को छोड़कर पूर्व से लेकर पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक षष्ठी (रविवार) से ही ट्रैफिक जाम की समस्या उत्पन्न हो गई। ट्रैफिक सुचारू रखने के लिए कोलकाता पुलिस की ओर से विशेष बंदोबस्त किए गए हैं। बावजूद इसके कई सड़कों पर रविवार को दोपहर बाद ही जाम शुरू हो गया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कुछ सड़कों पर पंडाल बना दिए गए हैं और वहां भारी संख्या में लोग जुट रहे हैं। ऐसे में वाहनों की आवाजाही बाधित हो रही है, जिससे ऐसी सड़कों से जुड़े अन्य मार्गों पर जाम हो रहा है। पुलिसकर्मियों के अलावा भारी संख्या में स्वयंसेवकों की तैनाती की गई है ताकि सप्तमी, अष्टमी, नवमी और दशमी को होने वाली भीड़ के दौरान ट्रैफिक को नियंत्रण में रखा जा सके।

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