Friday, September 16, 2011

कांच की कला में दिखेंगे दुर्गा के 16 रूप

शंकर जालान





कोलकाता। विवेकानंद रोड और अमहर्स्ट स्ट्रीट के मुहाने पर मानिकतला-चलताबागान लोहापट््टी दुर्गा पूजा कमिटी के पूजा पंडाल में इस बार दर्शनार्थियों को कांच की कलाओं को बीच देवी दुर्गा के सोलह रूप दिखेंगे।
पूजा कमिटी के चेयरमैन संदीप भूतोड़िया और उपाध्यक्ष अशोक जायसवाल ने बताया कि 20 फीट चौड़े, 80 फीट लंबे और करीब 45 फीट ऊंचे पंडाल के पूर्व मेदिनीपुर कांथी के सुतनु माइती की परिकल्पना से बनाया जा रहा है। जायसवाल के मुताबिक करीबन 70 कारीगर बीते तीन महीने से पंडाल के लिए कांच के भाड़, कांच के गिलास, कांच की प्लेट, कांच की चूड़ियों से सजावट की सामग्री बने में जुटे हैं।
उन्होंने बताया कि चलता बागान के पूजा पंडाल में आने वाले लोगों को कांच से बनी दुर्गा के नारायणी, अंबिका व गौरी समेत कुल 16 रुप दिखेंगे। इसके अलावा दर्शक कांच की बारीक कला को भी निहार सकेंगे।
जायसवाल के मुताबिक 30 सितंबर को कई जाने माने व विशिष्ठ व्यक्तियों की मौजूदगी में पूजा पंडाल का उद्घाटन होगा और पूजा संपन्न होने के बाद आठ अक्तूबर को नम आंखों से मां दुर्गा समेत गणेश, कार्तिक, लक्ष्मी और सरस्वती को विदाई दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि जितेंद्र चंद्र पाल और बादल चंद्र पाल चतला बागान के पूजा पंडाल के लिए देवी दुर्गा के प्रतिमा बनाने में जुटे हैं। वहीं, बिजली सज्जा का काम नंदी इलेक्ट्रिक को दिया गया है। उपाध्यक्ष ने बताया कि बिजली की बचत के मद्देनजर ज्यादा से ज्यादा एलईडी लाइट लगाई जाएगी और कुछ स्थानों पर सोलर लाइट (सौर ऊर्जा) का प्रयोग किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि कमिटी हर वर्ष नई थीम और नई सोच के साथ पूजा आयोजित करती है। बीते साल यानी 2010 में मुगल इतिहास, 2009 में दक्षिण भारतीय मंदिर, 2008 में लोहे की जाल व स्प्रिंग, 2007 में नौका (बजरा), 2006 में महाभारत का रथ, 2005 में कुश, 2004 में काली सुराई, 2003 में बद्रीनाथ धाम और 2002 में 108 दुर्गा का पंडाल बना कर पूजा कमिटी के कई पुरस्कार जीते हैं। जायसवाल के मुताबिक पूजा कमिटी को बिगत में सीईएससी, द टेलीग्राफ, बीएसएनएल, ईटीवी बांग्ला, जामिनी साड़ी, दूरदर्शन कोलकाता, रोटरी क्लब और आनंद बाजार पत्रिका सम्मान मिल चुका है।

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