Wednesday, September 7, 2011

विवादों में विश्वभारती

शंकर जालान



कविगुरू रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित किए गए शांतिनिकेतन विश्वविद्यालय से लगता है विवादों का नाता गहरा हो गया है। पिछले साल गुरुदेव की 150वीं जयंती का समारोह शुरू होने के कुछ दिनों बाद ही तत्कालीन उपकुलपति रजतकांत राय को भ्रष्टाचार के कारण हटाने पर आंदोलन तेज होने लगा। राय के रिटायर होने के बाद उनके पद की जिम्मेदारी संभाल रहे कार्यवाहक उपकुलपति उदयनारायण सिंह भी अब विवाद में घिर गए हैं। हाल में अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान टैगोर की करीब 1500 मूल पेंटिंग्स की कापियां ले जाकर वे विवादों में घिर चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने अपने इस कार्य की जानकारी केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय या विश्वविद्यालय के किसी वरिष्ठ अधिकारी को देने की जरूरत तक महसूस नहीं की। रवीन्द्र भवन के विशेष अधिकारी नीलांजन बनर्जी ने सिंह को पत्र लिख कर उन पर यह सीधा आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया है कि टैगोर की जिन पेंटिंग्स की कापियां वे अपने साथ ले गए थे उसकी फीस भी उन्होंने नहीं अदा की। यह फीस 15 लाख के आसपास है। वहीं कार्यवाहक उपकुलपति सिंह ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि तस्वीरों की सीडी ले जाने के पीछे उनका काई व्यवसायिक मकसद नहीं था बल्कि वे टैगोर की कलाकृतियों को विदेशों में शो केस करना चाहते थे।
इसी बीच विश्वविद्यालय के पूर्व उपकुलपित रजतकांत राय ने भी सिंह के कदम को आपत्तिजनक कहा है। सूत्रों ने दावा किया है कि कार्यवाहक उपकुलपति उदयनारायण सिंह के अमेरिका यात्रा की जानकारी केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय को नहीं थी।
मालूम हो कि मैथिली और बांग्ला के विद्वान उदयनारायण सिंह विश्वभारती विश्वविद्यालय से पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी के आग्रह पर जुड़े थे।

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