Saturday, September 10, 2011

दक्षिणेश्वर में होंगे दुर्गा के दर्शन

शंकर जालान




कोलकाता, मां काली के प्रसिद्ध मंदिर यानी दक्षिणेश्वर की आकृति के पूजा पंडाल में इस बार दर्शकों को देवी दुर्गा के दर्शन होंगे। सिंघी पार्क सार्वजनीन दुर्गा पूजा कमिटी की ओर से इस बार दक्षिणेश्वर मंदिर की तर्ज पर पूजा पंडाल बनाया जा रहा है। पूजा के कमिटी के संयुक्त सचिव भास्कर नंदी ने बताया कि मेदिनीपुर के शुतानु माइती के देखरेख व मार्गदर्शन में सैंकड़ों कारीगर पंडाल के अंतिम रूप देने में जुटे हैं। उन्होंने बताया कि इस बार पूजा कमिटी का बजट करीब चालीस लाख रुपए हैं और पूजा पंडाल का उद्घाटन महापंचमी (एक अक्तूबर) को होगा। इस मौके पर कई जानेमाने लोग बतौर अतिथि मौजूद रहेंगे।
माइती ने बताया कि उनके पंडाल में आने लोगों को पारंपरिक रुप यानी एक चाल में देवी दुर्गा समेत लक्ष्मी, सरस्वती, गणेश व कार्तिक के दर्शन होंगे। उन्होंने बताया कि मोहनवासी रुद्र पाल और प्रदीप रुद्र पाल सिंघी पार्क के पूजा पंडाल के लिए 22 फीट ऊंची प्रतिमा निर्माण में जुटे हैं।
उन्होंने बताया कि बिजली सज्जा की जिम्मेदारी हुगली जिला स्थित चंदननगर के पिंटू चक्रवर्ती को दी गई है। संयुक्त सचिव के मुताबिक बिजली सज्जा पर्यावरण आधारित होगी और बिजली के बचत के मद्देनजर ज्यादा से ज्यादा एलईडी लाइट का प्रयोग किया जाएगा।
माइती ने बताया कि उनकी कमिटी पारंपरिक पूजा आयोजित करने में विश्वास रखती है। उन्होंने बताया की थीम के नाम पर पारंपरिक पूजा से खिलवाड़ उनकी कमिटी के किसी सदस्यों को नहीं भाता। उन्होंने बताया कि कलकत्ता उच्च न्यायालय, नगर निगम और पुलिस के सभी नियमों का पालन किया जा रहा है, ताकि आने वाले दर्शकों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो। उन्होंने बताया कि दर्शकों की भारी भीड़ के मद्देनजर 14 फीट बटा 12 फीट के प्रवेश व निष्कान द्वार बनाए गए हैं। इनके अलावा पंडाल परिसर में आग से रोकथाम की माकूल व्यवस्था की जा रही है।
दूसरी ओर, साल्टलेक इलाके के विधाननगर सीके-सीएल ब्लॉक रेसिडेंट एसोसिएशन पूजा आयोजन की रजत जयंती मना रहा है। एसोसिएशन के दिव्येंदु बनर्जी ने बताया कि रजत जयंती के मद्देनजर इस बार की पूजा प्रगति (प्रोग्रेस) पर आधारित है। उन्होंने बताया कि पूर्व मेदिनीपुर के कांथी के कारीगर स्टील की जाली का भव्य पंडाल बनाने में जुटे हैं।
उनके मुताबिक तीन हजार वर्गफीट में फैले पंडाल को बनाने में पांच हजार किलो स्टील की जाली का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 35 लाख की लागत से आयोजित होने वाली पूजा पंडाल का उद्घाटन चौथ (30 सितंबर) को कई विशिष्ठ लोगों की मौजूदगी में होगा। उनके मुताबिक प्रतिमा निर्माण का काम मोहनवासी रुद्र पाल और प्रदीप रुद्र पाल को दिया गया है। दोनों मूर्तिकार अपनी सोच और कला के सहारे पंडाल और थीम से मेल खाती प्रतिमा बनाने में जुटे हैं।

No comments:

Post a Comment