Monday, September 12, 2011

स्वर्ग लोक में होंगे दुर्गा के दर्शन

शंकर जालान





कोलकाता। मध्य कोलकाता के बड़तला स्ट्रीट स्थित बड़ाबाजार सार्वजनिक
दुर्गोत्सव कमिटी (जौहरी पट््टी) के पूजा पंडाल इस बार काल्पनिक मंदिर की
तर्ज पर बन रहा है और मंडप जहां, दुर्गा विराजेगी उसे स्वर्ग लोक जैसा
बनाया जा रहा है। आड़ी बांसतला और बड़तला स्ट्रीट के संगमस्थल पर 1944 से
दुर्गा पूजा का आयोजन होता आ रहा है। पूजा कमिटी के सचिव मनोज चांदगोठिया
ने बताया कि 65 साल पहले स्थानीय लोगों ने छोटे रुप में पूजा आयोजन की
शुरुआत की थी, जो समय के साथ-साथ बदलते हुए इलाके की श्रेष्ठतम पूजा में
शुमार हो गई है। चांदगोठिया ने बताया कि हर साल पूजा के पहले नई कमिटी का
गठन किया जाता है और पूजा आयोजन की पूरी जिम्मेवारी कमिटी के
पदाधिकारियों व सदस्यों पर होती है। उनके मुताबिक उस साल बनवारीलाल शर्मा
को चेयरमैन, पवन सराफ को अध्यक्ष, नरेश शर्मा व पंकज सोनकर को संयुक्त
सचिव और नवीन सराफ व अनिस लखोटिया को कोषाध्यक्ष बनाया गया है। सचिव ने
बताया कि 1980 से 1990 तक जौहरी पट््टी के पूजा पंडाल में बिजली चालित
आयोजित की गई थी। इन दस सालों में हमने बीते साल की बड़ी घटना को दर्शाया
था। पनडूबी, ग्लोब और रॉकेट पर आधारित बिजली चालित पूजा को देखने के लिए
दर्शनार्थियों की भारी भीड़ लगी थी, जिसका विपरीत असर ट्रैफिक व्यवस्था पर
पड़ता था और सड़क पर घंटों जाम लग जाता था। पुलिस और प्रशासन के अनुरोध
कमिटी से बिजली चालित पूजा बंद की और तब से यहां राजस्थानी रूप में पूजा
आयोजित की जाने लगी। इस बार की प्रतिमा, पंडाल और बिजली सज्जा का जिक्र
करते हुए चांदगोठिया ने बताया कि 35 फीट ऊंचे, 20 फीट चौड़े और 35 फीट
मंदिर नुमा पंडाल को मॉडर्न डेकोरेटर के कारीगर तैयार कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि पंडाल का बाहरी हिस्सा मंदिर जैसा और भीतरी हिस्सा
स्वर्ग लोक जैसा होगा। मूर्तिकार परेश पाल को प्रतिमा और एनके इलेक्ट्रिक
को बिजली सज्जा की जिम्मेवारी दी गई है। परेश पाल राजस्थानी परिधान में
मां दुर्गा समेत गणेश, कार्तिक, लक्ष्मी व सरस्वती की प्रतिमा बनाने में
जुटे हैं। जौहरी पट््टी के पंडाल में सटीक राजधानी भूषभूसा में महिषासुर
का बध करती नजर आएगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि पूजा पंडाल
का उद्घाटन महाषष्ठी (दो अक्टूबर) और प्रतिमा का विसर्जन एकादशी (सात
अक्टूबर) को होगा। उद्घाटन कौन करेगा? इसका जवाब देते हुए उन्होंने बताया
कि चूंकि जौहरी पट््टी की पूजा मोहल्लावासी और जौहरियों की पूजा है।
इसलिए कमिटी स्थानीय किसी बुजुर्ग व्यक्ति से उद्घाटन कराती है।

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