Saturday, September 17, 2011

प्रकृति और पर्यावरण का नजारा

शंकर जालान




कोलकाता। उत्तर कोलकाता को अमहर्स्ट रो में सजने वाली दुर्गापूजा में दर्शक इस बार प्रकृति और पर्यावरण की खूबियों को महसूस कर पाएंगे। रोम मोहन स्मृति संघ की ओर से अमहर्स्ट रो में आयोजित होने वाली सार्वजनीन दुर्गोत्सव कमिटी के सदस्य धमेंद्रजायसावल ने बताया कि कमिटी के सदस्यों की थीम पर पंडाल, प्रतिमा, बिजली सज्जा प्रकृति व पर्यावरण पर केंद्रित है।
उन्होंने बताया कि 1959 से रोम मोहन स्मृति संघ लगातार पूजा आयोजित करता आ रहा है। इस हिसाब से 52वां साल है। जायसवाल ने बताया कि साल-दर-साल हमारी पूजा के प्रति दर्शकों का रुझान बढ़ा है। उन्होंने खुलासा किया कि बीते कुछ सालों के दौरान पूजा कमिटी को कई पुरस्कारों से नवाजा गया है।
उन्होंने बताया कि संघ के सदस्य पूजा के तीन-चार महीने पहले से ही थीम सोचने लगते हैं। और बाद में पूजा कमिटी की बैठक में थीम के बारे में अंतिम निर्णय लिया जाता है। उनके मुताबिक इस बार प्रकृति और पर्यावरण की थीम पर पूजा आयोजित की जा रही है।
उन्होंने बताया कि उनके पूजा पंडाल में आने वाले लोगों को पंडाल के बाहर तक आदिकालीन (रावण युग) की लंका और पंडाल के भीतर राम राज्य का नजारा दिखेगा। उन्होंने बताया कि पंडाल बनाने वाले कारीगर प्लाईवुड पर मिट््टी से रामायण की झांकिया बनाने में व्यस्त हैं। वहीं पंडाल के बाहर सीमेंट का विशाल अंगद बनाया गया। उन्होंने बताया कि पूर्व मेदिनीपुर जिले स्थित कांथी के सुकुमार बैरागी की परिकल्पना को साकार रूप देने में दर्जनों कारीदर बीते एक महीने से जुटे हैं।
जायसवाल ने बताया कि बिजली सज्जा के माध्यम से भी प्रकृति, पर्यावरण और हरियाली के महत्व पर प्रकाश डाला डाएगा। बिजली सज्जा का काम तन्मय इलेक्ट्रिक को दिया गया है।
प्रतिमा के बारे में जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि महिषासुर मर्दनी देवी दुर्गा के दर्शन हमारे पंडाल के दर्शक शांति देवी के रूप में कर पाएंगे। उन्होंने बताया कि शांति के प्रतीक के तौर पर बनी मूर्ति के हाथों में किसी प्रकार का कोई अस्त्र-शस्त्र नहीं होगा। मां दुर्गा का आठों हाथों में कमल के फूल होंगे।
उन्होंने बताया कि मूल रूप से हमारा प्रयास रहेगा कि लोग पूजा घूमने का आनंद लेने के साथ-साथ कुछ सीख भी लें, जो उनके और समाज के लिए हितकर हो।
बजट, उद्घाटन और विसर्जन के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देने हुए उन्होंने बताया कि इस बार पूजा का बजट सात लाख रुपए निर्धारित किया गया है। पूजा पंडाल का उद्घाटन एक अक्तूबर को और विसर्जन सात अक्तूबर को होगा।

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