Sunday, September 18, 2011

मोहम्मद अली पार्क में दिखेंगे नारी के विविध रूप

शंकर जालान




कोलकाता। महानगर की चर्चित दुर्गापूजा यूथ एसोसिएशन (मोहम्मद अली पार्क) में इस बार पूजा घूमने आए दर्शकों को नारी या शक्ति का विविध रूप दिखेंगे। बीते साल यानी 2010 में थाईलैंड का बौद्ध मंदिर, 2009 में पर्यावरण के महत्व, 2008 में आतंकवाद के खतरे, 2007 में कन्या भ्रूण हत्या, 2006 में नारी शक्ति और 2005 में विज्ञान का तरक्की यानी सेटेलाइट की थीम पर यूथ एसोसिएशन ने दुर्गापूजा आयोजित कर न केवल वाहवाही लूटी थी, बल्कि कई पुरस्कार भी हासिल किए थे।
एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष रमेश लखोटिया और प्रधान सचिव विनोद शर्मा ने बताया कि नदिया जिले के जागुलिया के कार्तिक सेन नारी के विविध रूपों के अनुसार पंडाल और प्रतिमा बनाने में जुटे हैं। वहीं, बिजली सज्जा का काम विनस इलेक्ट्रिक को दिया जाएगा। आयोजकों ने बताया कि इस बार की बिजली सज्जा नारी के विविध रूपों पर रोशनी डालने के साथ-साथ देखने लायक होगी।
लखोटिया ने बताया कि दुर्गोत्सव के बहाने एसोसिएशन का उद्देश्य रहता है कि पूजा देखने आए लोग जाते वक्त मां के प्रसाद कुछ नसीयत भी लेते जाएं। उन्होंने बताया कि इसके मद्देनजर बीते कुछ सालों में पर्यावरण, आतंकवाद, कन्या भ्रूण हत्या, नारी शक्ति और सेटेलाइट की थीम पर देवी दुर्गा समेत गणेश, कार्तिक, लक्ष्मी और सरस्वती का आराधना की गई थी।
बजट, उद्घाटन और विसर्जन बाबत पूछे गए सवाल के जवाब में कार्यकारी अध्यक्ष ने बताया कि बजट करीब 22-23 लाख का है। पूजा पंडाल का उद्घाटन 30 सितंबर को और विसर्जन आठ अक्तूबर को होगा। उद्घाटन कौन करेगा? इसका उत्तर देते हुए लखोटिया ने बताया कि राज्यपाल एमके नारायणन व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से संपर्क साधा जा रहा है। फिलहाल कोई स्वीकृति नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि 1969 से एसोसिएशन के बैनर तले पूजा आयोजित होती आ रही है। 1976 तक पूजा ताराचंद दत्त स्ट्रीट में होती थी, लेकिन अत्याधिक भीड़ व कई घंटों तक यातायात प्रभावित रहने के कारण कोलकाता पुलिस व कोलकाता नगर निगम की सलाह पर 1977 से दुर्गापूजा मोहम्मद अली पार्क में आयोजित की जाने लगी।
उन्होंने बताया कि थीम के मुताबिक पंडाल को सजाने, संवारने और अंतिम रूप देने में सैंकड़ों कारीगर लगे हैं। थर्माकोल, कपड़ा, प्लाईवुड, प्लास्टर आॅफ पेरिस और मिट््टी से नारी के विविध रूपों को अंकित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह पूजा आयोजन का 43वां वर्ष है। एसोसिएशन के पूजा पंडाल में आने वाले दर्शकों को कहीं गर्भ में पल रहे बच्चे की हत्या करवाती नारी, कहीं गर्म तेल में जलती नारी तो कहीं अबला और कहीं सबला के रूप में नारी को देख पाएंगे।

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