Saturday, September 24, 2011

पर्यावरण, शिक्षा, भ्रष्टाचार और नारी सशक्तिकरण पर आधारित बिजली सज्जा

शंकर जालान



कोलकाता, अगले महीने के पहले सप्ताह से आयोजित होने वाले दुर्गोत्सव में इस बार पंडाल, प्रतिमा के साथ-साथ बिजली सज्जा भी विशेष थीम पर आधारित होगी। हुगली जिले के चंदननगर के हजारों कारीगर इनदिनों दर्जनों पूजा कमिटियों के लिए बिजली सज्जा को अंतिम रूप देने में व्यस्त हैं। इन कारीगरों ने बताया कि इस साल ज्यादातर पूजा आयोजक पर्यावरण, शिक्षा, भ्रष्टाचार और नारी सशक्तिकरण पर आधारित बिजली सज्जा की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा कुछ समितियां रवींद्रनाथ टैगोर, भारतीय क्रिकेट दल और जानी-मानी फिल्म हस्तियों को भी रोशनी के माध्यम से दर्शाएंगी।
चंदननगर के कारीगर 32 वर्षीय रवींद्र कुमार ने बताया कि वे दक्षिण कोलकाता की तीन पूजा पंडालों के लिए बिजली सज्जा का काम कर रहे हैं। उनके मुताबिक बालीगंज स्थित एक पूजा कमिटी के लिए वे पर्यावरण की थीम पर बिजली सज्जा कर रहे हैं। इसके अलावा एक दूसरी पूजा कमिटी के फलों पर केंद्रीत विद्युत सज्जा कर रहे हैं। साथ ही एक अन्य पूजा पंडाल के लिए सामान्य लिए तौर पर रोशनी की व्यवस्था कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि बालीगंज के पूजा पंडाल के लिए वे हरियाली के महत्व व पर्यावरण के मद्देनजर बिज्जी सज्जा कर रहे हैं। उनके मुताबिक सड़क के दोनों तरह हरियाली के प्रतीक के रूप में हरे रंग के बल्ब लगाए जा रहे हैं। वहीं ट्यूनिंग लाइट के जरिए पेड़ काटने, तालाब पाटने के कुप्रभाव को दिखाया जाएगा।
मध्य कोलकाता के मोहम्मद अली पार्क स्थित यूथ एसोसिएशन के पूजा पंडाल में रोशनी के जरिए नारी के विविध रूपों को दर्शाया जाएगा। एसोसिएशन के महासचिव विनोद शर्मा ने बताया कि बिजली सज्जा के सहारे वे लोग बेटी, बहन, पत्नी और मां के अलावा नारी की विविध रूप व शक्ति को दिखाएंगे।
वहीं, उत्तर कोलकाता के काशीपुर स्थित बीबी बाजार इलाके में शिक्षा, काशी बोस लेन में भ्रष्टाचार, कुम्हारटोली पार्क में नारी सशक्तिकरण पर बिजली सज्जा की जा रही है। साल्टलेक के सीएलसीके ब्लॉक में इस बार रवींद्रनाथ टैगोर और करुणामयी इलाके में भारतीय क्रिकेट दल पर आधारित बिजली सज्जा की जा रही है।
मध्य कोलकाता के एक पूजा पंडाल के लिए बिजली सज्जा की तैयारी में जुटे एक कारीगर ने बताया कि वे दुर्गापूजा के तीन-चार महीने पहले से ही विभिन्न थीमों की रूपरेखा तैयार कर लेते हैं। इसके बाद आयोजकों से संपर्क उसमें कुछ फेर-बदल कर एक तय राशि पर बिजली सज्जा का ठेका ले लेते हैं। उन्होंने बताया कि आयोजक इस शर्त के साथ अग्रिम भुगतान करते हैं कि इस थीम की बिजली सज्जा अन्य पूजा पंडालों में नहीं हो चाहिए।

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