Thursday, June 4, 2009

भूमि अधिग्रहण मामले में पड़ सकता है उलटा दांव

कोलकाता. रेल मंत्री और तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी द्वारा पश्चिम बंगाल में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ चलाया गया आंदोलन अब उनके मंत्रालय की आगामी योजनाओं पर ही भारी पड़ सकता है। बर्दवान जिले में ब्रॉड गैज रेललाइन के विस्तार के लिए हाल में एक विज्ञापन दिया गया है।
केंद्रीय रेल विभाग ने इस विस्तार के लिए राज्य के भूमि एवं भूमि सुधार विभाग को विभिन्न चरणों में 55 एकड़ भूमि अधिगृहीत करने की अनुमति दी है। लेकिन जिन जमीनों को अधिगृहीत करने का प्रस्ताव है, वे एक से अधिक फसल देने वाली उपजाऊ जमीनें हैं। जबकि ममता की मांग रही है कि केवल सूखी और एक फसल देने वाली जमीनों को ही अधिगृहीत किया जाना चाहिए।
संविधान के तहत राज्य सरकार किसी भी केंद्रीय परियोजना को लागू करवाने के लिए बाध्य है, इसलिए भूमि एवं भूमि सुधार विभाग के यह विस्तृत विज्ञापन जारी करना जरूरी था। लेकिन विभाग ने भी परियोजना की पूरी जिम्मेदारी रेल विभाग डाल दी है। विज्ञापन में कहा गया, ‘भूमि अधिग्रहण अधिनियम-1894 के तहत राज्य सरकार को केंद्र सरकार के लिए जमीन अधिगृहीत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है..।’
रोचक बात यह है कि पश्चिम बंगाल की वाममोर्चा सरकार ने सिंगूर में नैनो परियोजना के लिए इसी कानून के तहत भूमि अधिगृहीत की थी। ममता ने इस परियोजना का जमकर विरोध किया था।
विज्ञापन में विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि भूमि अधिग्रहण के लिए जबरदस्ती के बजाय लोगों की राय को तवज्जो दी जाएगी। विभाग ने अधिग्रहण के बारे में लोगों की आपत्तियां मंगाई हैं।(साभार)

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