Friday, May 22, 2009

कल थी ऑस्कर गर्ल, आज है सेक्स वर्कर

कोलकाता। एआर रहमान को ऑस्कर लेते देख उसकी अपनी यादें ताजा हो गईं। उसे मालूम है ऑस्कर और उसे पाने का मतलब। रेड कारपेट और चमकते कैमरों के बीच वह भी रह चुकी है। लॉस एंजिलिस के उसी कोडेक हॉल में। 2005 में जब डॉक्युमेंट्री बॉर्न इनटु ब्रॉथल को ऑस्कर मिला था, प्रीति भी उस टीम का हिस्सा थी। लेकिन जिंदगी ने ऐसी करवट ली कि वह आगे बढ़ने की जगह कोलकाता के सोनागाछी रेड लाइट एरिया में पड़ी है। 4 साल पहले लॉस ऐंजिलिस के ऐतिहासिक कोडक थिएटर में वह भी मौजूद थी और ऑस्कर के गोल्डन मूर्ति को जहां उसने चूमा था, वहीं उसकी आंखों से खुशी के आंसू निकल आए थे। उस सुखद अहसास के बाद वह किसी भी ऑस्कर सेरेमनी को देखने से नहीं चूकी थी। सोमवार को भी ऑस्कर के लाइव टेलिकास्ट को देखा था। वह पढ़ना चाहती थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। उसके पास फिल्म की डायरेक्टर जाना ब्रिस्की का ऑफर था। जाना फिल्म में काम करने वाले 9 बच्चों को जिस्म के कारोबार से निकालना चाहती थीं। उन्होंने उसकी मां को पैसे भी दिए, लेकिन मां ने जाने नहीं दिया। वह सेक्स ट्रेड में कैसे आई, इसका सही जवाब किसी के पास नहीं है। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक किशोरावस्था में उसे एक रैकिट से छुड़ा कर बच्चों के सुधार गृह में भेज दिया गया था। उसके बाद बाल कल्याण कमिटी ने उसे उसकी मां को सौंप दिया था। पुलिस के मुताबिक अब वह बड़े सेक्स रैकिट का हिस्सा है। रैकिट में बड़े बड़े लोग शामिल हैं, जो उसे शरीफों की दुनिया में लौटने नहीं देंगे। उसकी आंखों में आजादी की चाहत साफ देखी जा सकती है। प्रीति को एशिया के सबसे बड़े रेड लाइट एरिया में पूजा के नाम से जाना जाता है। उसके पास साल्टलेक जैसे पॉश इलाके में फ्लैट है। सोनागाछी में में भी उसने सबसे महंगी बिल्डिंग में कमरा ले रखा है। लैपटॉप, महंगे फोन और बैंक बैलेंस तो है ही। बस वह अभिजीत(साथी कलाकार)या अन्य लड़कियों की तरह दलदल से नहीं निकल सकी। ब्रिस्की ने अपनी फिल्म के लिए रेड लाइट एरिया के 9 बच्चों को चुना था। उन बच्चों को फोटोग्राफी सिखाई गई थी और अपनी दुनिया, यहां तक कि मां की गतिविधियों को भी कैमरे में कैद करने को कहा गया था। प्रीति उसी टीम का हिस्सा थी। प्रीति ने बताया कि 2002 में जाना और रोस कॉफमैन ने उसे 9 साल के बच्ची की बच्ची का रोल दिया था। उसने कहा कि फिल्म 2004 में जाकर पूरी हुई। प्रीति बताती हैं कि ऑस्कर के अलावा इस डॉक्यूमेंट्री ने करीब 20 इंटरनैशनल अवॉर्ड जीते थे। (साभार)

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