Saturday, May 23, 2009

वीरपाड़ा अस्पताल : नवजात सोते है कागज पर

जलपाईगुड़ी, वीरपाड़ा-मादारीहाट ब्लाक के अंतर्गत वीरपाड़ा अस्पताल की बदहाली की इस दौड़ से गुजर रहा है कि कोई मरीज यहां आये तो स्वस्थ्य बनने के बजाया और बीमार हो जाये। अस्पताल का सबसे महत्वपूर्ण अंग अल्ट्रासोनोग्राफी मशीन बेकार हालत में पड़ा है। बिना चादर का बेड नवजात शिशु का स्वागत कर रही है। एक्स-रे का मशीन खराब होकर पड़ा है। अस्पताल का स्टोरकिपर अधिकतर दिन अस्पताल में नहीं आये। अगर आते भी हैं तो दोपहर बारह बजे के बाद आते हैं। स्थानीय आरएसपी नेता प्रदीप बोस ने बताया कि अस्पताल में 90 प्रतिशत मरीजों को दवा नहीं मिलता है। अस्पताल में आपरेशन थियेटर नाममात्र रूप से चालू हुआ है। बाहरी विभाग में जहां 8 से 9 चिकित्सक होने चाहिए वहीं केवल दो-तीन चिकित्सक ही मिलते हैं। नियम के अनुसार अस्पताल अधीक्षक निजी प्रेक्टिस नहीं कर सकते हैं लेकिन यहां इस नियम की ध्वज्जियां उड़ रही है। आज वीरपाड़ा अस्पताल में पहुंचे स्थानीय आरएसपी नेता प्रवीर सरकार, पंचायत प्रकाश प्रधान, पंचायत विजय सिंह व वीरपाड़ा-मादारीहाट ब्लाक के पंचायत समिति के अध्यक्ष विकास दास समेत कई लोग अस्पताल पहुंचे। इनलोगों ने बताया कि अस्पताल में बेडों की संख्या एक सौ है जिसमें वर्तमान में केवल 15 चिकित्सक ही हैं। मरीजों के बेड पर न चादर है और न ही मच्छरदानी। इधर, स्टोर कीपर दीपक कुमार पाल ने बताया कि प्रत्येक बेड के लिए चादर, मच्छरदानी दिया जाता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वार्ड के इनचार्ज व नर्सो को वे ये सब सौंप देते हैं। इधर, अस्पताल के अपर डिविजन क्लर्क राखी सेनगुप्त ने बताया कि नौ महीने से यहां काम कर रहे हैं पिछले कुछ दिनों से अस्पताल की स्थिति बन गयी है। वीरपाड़ा-मादारीहाट ब्लाक के अध्यक्ष विकास दास ने बताया कि नवजात शिशु को कागज पर सुलाया जा रहा है। अलीपुरद्वार के महकमा शासक एलिस भेज ने बताया कि वीरपाड़ा अस्पताल के अधीक्षक के साथ बातचीत हुई है। उन्होंने इन विषयों पर दोषियों पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। इधर, आरएसपी नेता प्रदीप बोस ने बताया कि वीरपाड़ा अस्पताल की यही स्थिति रही तो वे आंदोलन शुरू करेंगे।(साभार)

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