Saturday, May 23, 2009
एक पीसीओ बिना टेलीफोन का
मेघालय, जिस किसी दिन हमारा मोबाइल फोन ज्यादा बजता है, हम परेशान हो जाते हैं। लेकिन फोन पूरा दिन बजे ही नहीं, तो चिंतित हो जाते हैं। कहने का मतलब, मोबाइल फोन पर हमारी निर्भरता इस कदर बढ़ चुकी है कि आज इसके बिना जिंदगी की कल्पना नहीं की जा सकती। मेघालय के दूरदराज के एक गांव नोंगना की भी अजब ट्रेजिडी है। शिलांग से 130 किमी दूर स्थित नोंगना के लोगों को यदि फोन पर किसी से बात करनी हो तो उन्हें एक पहाड़ी पर चढ़ना होता है। ग्रामीणों ने छोटी सी पहाड़ी के ऊपर बाकायदा एक कमरा बना रखा है। इसे 'पीसीओ' कहा जाता है। यह अलग बात है कि पीसीओ में कोई टेलीफोन नहीं रखा। लोग अपना मोबाइल लेकर इस स्थान पर आते हैं और बात करते हैं। पूरे गांव में सिर्फ यही एक ऐसी जगह है जहां मोबाइल नेटवर्क काम करता है। तीन हजार की आबादी वाले इस गांव में 50 फीसदी लोगों के पास मोबाइल फोन है। एक ग्रामीण ने बताया कि ऊपर पहुंचने में 20 मिनट लगते हैं। वहीं गांव के सबसे करीब स्थित पीसीओ भी 15 किमी दूर है। सरकार इस इलाके में मोबाइल टावर लगाने लगाने की कोशिश कर रही है। लेकिन जब तक यह नहीं होता, ग्रामीणों को बात करने के लिए पहाड़ी पर चढ़ना ही होगा। (साभार)
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