Saturday, May 30, 2009

अब सिगरेट की बिक्री में कमी की चिंता

अगर स्वास्थ्य से जुड़ी चेतावनी चित्रों के जरिए दी जाती है तो इससे घरेलू सिगरेट की मांग प्रभावित हो सकती है।
इस महीने की शुरुआत में ही उच्चतम न्यायालय ने यह चेतावनी दी है कि 31 मई से तंबाकू से जुड़े उत्पादों पर स्वास्थ्य से जुड़ी चेतावनी का प्रदर्शन चित्रों के जरिए करना है। ऐसे में इन चित्रों के साथ स्वास्थ्य से जुड़ी चेतावनी से इन उत्पादों की मांग तेजी से गिर सकती है।
इस महीने 6 तारीख को न्यायालय ने सिगरेट और तंबाकू से जुड़े दूसरे उत्पादों के लिए यह नियम बनाया गया है कि इन उत्पादों की पैकेजिंग पर चित्रात्मक चेतावनी दी जानी चाहिए।
टोबैको इंस्टीटयूट ऑफ इंडिया के निदेशक उदयन लाल को भी यह आशंका है कि इस चेतावनी का गंभीर असर उपभोग पर पड़ सकता है और यह ऐसे समय पर हो रहा है जब अर्थव्यवस्था बेहतर नहीं कर रही है। उन्हें यह भी आशंका है कि भारत में स्वास्थ्य से जुड़ी चित्रात्मक चेतावनी से तस्करी से लाए गए सिगरेटों की मांग में इजाफा होगा।
इसकी वजह यह भी है कि भारत में तस्करी से लाए गए सिगरेटों का बड़ा बाजार है और दूसरी तरफ घरेलू सिगरेटों पर बहुत ज्यादा कर लगा है। उनका कहना है, 'इस तरह के सिगरेट की मांग बढ़ेगी क्योंकि इन पर स्वास्थ्य की चेतावनी नहीं लिखी होती। ऐसे में इसे कम नुकसानदायक समझा जाएगा।'
तंबाकू संस्थान का कहना है कि घरेलू सिगरेट पर ज्यादा कर लगाए जाने की वजह से वैसे सिगरेटों की मांग बढ़ रही है जो बड़ी संख्या में छोटी इकाइयां बनाती है और कर देने से बचती हैं। लाल का कहना है, 'इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि इस तरह की इकाइयों द्वारा बनाए गए सिगरेट पर चित्रात्मक स्वास्थ्य चेतावनी लिखी ही हो।
इसी वजह से घरेलू उद्योग जो शुल्क का भुगतान कर रहे हैं उनको ज्यादा नुकसान झेलना पड़ेगा।' लाल ने यह सफाई दी कि टोबैको इंस्टीटयूट ऑफ इंडिया तंबाकू उत्पादों की बिक्री और उसके निर्माण से जुड़े इस तरह के नियमों हटाने या खत्म करने की वकालत नहीं कर रहा है। उनका कहना है, 'यह नियम समानता और अनुसरण करने लायक बनाया जाना चाहिए।'
भारत तंबाकू का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है। यहां पर खपत का तरीका अनोखा है। दुनिया के अन्य हिस्सों से अलग, जहां तंबाकू के कुल उपभोग में सिगरेट का अनुपात 90 प्रतिशत होता है, भारत में सिगरेट की हिस्सेदारी 15 प्रतिशत है। शेष 85 प्रतिशत हिस्से की खपत अन्य परंपरागत तरीकों जैसे बीड़ी, खैनी और गुटका में होता है, जिसकी हिस्सेदारी बहुत ज्यादा है।
इसका उत्पादन असंगठित क्षेत्रों द्वारा होता है। इस अनोखे तरीके से तंबाकू की खपत के परिणामस्वरूप बहुत बड़ी मात्रा में तंबाकू बगैर ब्रांड के और खुले रूप में बेचा जाता है, जिस पर सचित्र वैधानिक चेतावनी भी नहीं लगाई जा सकती।
आईटीसी के प्रवक्ता नजीब आरिफ का कहना है कि सभी सिगरेट विनिर्माताओं को 31 मई के बाद नए पैक में सिगरेट बेचना होगा, जिस पर बदली हुई स्वास्थ्य चेतावनी होगी। यह कठिन प्रक्रिया है, लेकिन हम इसके लिए जरूरी कदम उठा रहे हैं।

No comments:

Post a Comment