Friday, May 29, 2009

रेडियो कैब की लोकप्रियता पर कंपनियां फिदा

देश की रडियो कैब सर्विस देने वाली कंपनियां वित्त वर्ष 2009-10 में अपने गाड़ियों के बेड़े में 100 फीसदी तक इजाफा करने जा रही हैं। इस क्षेत्र की तीन बड़ी कंपनियों के अनुसार, मार्च 2010 तक वे अपने बेड़े में ब्,त्तक्क् गाड़ियां और जोड़ेंगी। रेडियो कैब यानी ग्लोबल पोजिशनिंग सैटेलाइट तकनीक युक्त टैक्सी सेवा की बढ़ती लोकप्रियता पर कंपनियां फिदा हैं। मेरू कैब चालू वित्त वर्ष में अपने बेड़े में फ्,क्क्क् कारों का इजाफा करने जा रही हैं। कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट (मार्केटिंग) गेविन डेब्रियो ने बिजनेस भास्कर को बताया कि फिलहाल कंपनी मुंबई में ख्,फ्म्क्, बेंगलुरू में 8क्क्, हैदराबाद में स्त्रक्क् और दिल्ली में ब्म्क् गाड़ियां चलाती हैं। उन्होंने बताया कि अब मार्च 2010 से पहले हम इन्हीं शहरों में अपनी कारों की संख्या को 3,000 से बढ़ाकर 5,000 करेंगे। इसी अवधि में मेगा कैब भी अपनी गाड़ियों की संख्या में ख्,भ्त्तम् कारों का इजाफा कर रही है। कंपनी दिल्ली में अपनी टैक्सी संख्या को फ्फ्म् से बढ़ाकर म्क्क्, चंडीगढ़ में म्क् से ख्क्क् और कोलकाता में ख्क्क् से बढ़ाकर फ्म्क् करने जा रही है। इसके अलावा, अमृतसर और लुधियाना में फ्म्-फ्म् गाड़ियों की संख्या को भी बढ़ाकर ख्क्क् करने जा रही है। मेगा कैब की योजना मार्च फ्क्ख्क् तक मुंबई के फ्म्क् कैब के बेड़े को बढ़ाकर ख्,क्क्क् करने की है। कंपनी के जनरल मैनेजर (फ्लीट एंड ऑपरशन) बिनोद मिश्रा ने बताया कि मुंबई में विस्तार करना कंपनियों के लिए बड़ी चुनौती है। वहां टैक्सी का नया परमिट जारी होना बंद हो चुका है। अपनी सेवा बढ़ाने के लिए हमें पुराने टैक्सी चालकों से परमिट खरीदनी पड़ती है। उन्होंने बताया कि पांच साल पुराना परमिट एक लाख रुपये तक में मिलता है। उधर, मुंबई टैक्सी मेंस यूनियन के महासचिव ए एल क्वाद्रोस ने कहा है कि मुंबई की काली-पीली टैक्सियों के चालक अपने फ्क् वर्ष पुराने परमिट को ख्.स्त्र लाख रुपये तक की कीमत में बेच रहे हैं।एक अन्य कंपनी क्विक कैब भी अपने वर्तमान टैक्यिों की संख्या फ्ब्क् से बढ़ाकर भ्म्क् करने जा रही है। क्विक कैब के एमडी गुरुविंदर सिंह ने बताया कि हम इन सारी टैक्सियों को खरीदकर चलाते हैं जबकि अन्य कंपनियां कार व ड्राइवरों को कांट्रैक्ट पर रखकर यह सेवा प्रदान करती है। यही कारण है कि हम दूसरी कंपनियों की तुलना में लगभग आधी कीमत पर अपनी सेवा दे पाते हैं। ईजी कैब की मार्केटिंग मैनेजर साक्षी विज ने बताया कि उनकी कंपनी भी नए वित्त वर्ष में अपने कारोबार को विस्तार देने के लिए योजनाएं बना रही हैं। उन्होंने बताया कि बीते दो वर्षो में रेडियो टैक्सी का कारोबार तकरीबन पांच गुना बढ़ गया है। यही वजह है कि कंपनियां इस क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा निवेश कर रही हैं।

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