Friday, May 29, 2009

आइला प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति गंभीर

चक्रवात 'आइला' के तांडव के तीन दिन बाद भी स्थिति गंभीर है। हजारों लोग फंसे हुये हैं, जिन्हें हेलीकाप्टरों से सेना के जवान खाद्य सामग्री, दवाइयां व पीने का पानी पहुंचा रहे हैं। बुधवार को मौसम ठीक रहने से राज्य प्रशासन व सेना ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत व बचाव कार्य तेज कर दिया। प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल-बिजली व्यवस्था चौपट है। बिजली व पानी नहीं मिलने से आक्रोशित लोगों ने जगह-जगह प्रदर्शन किया।
सेना, बीएसएफ और जिला पुलिस के जवान हजारों लोगों को सुरक्षित स्थान तक पहुंच चुके हैं लेकिन सुंदरवन व संदेशखाली की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुयी है। तूफान से बंगाल में मरने वालों की संख्या सौ के करीब पहुंच गयी है जबकि दर्जनों लोग लापता हैं। सूबे में करीब 20 लाख लोग तूफान से प्रभावित हैं। सेना के प्रवक्ता ने बताया कि उत्तार व दक्षिण चौबीस परगना जिले में दो हेलीकाप्टर व छह स्पीड बोटों से अब तक सैकड़ों टन सूखा खाद्य पदार्थ, पानी पहुंचाया जा चुका है। दूसरी ओर महानगर समेत कई जिलों में बिजली और पानी का संकट व्याप्त है। गर्मी में बिजली व पानी नहीं मिलने से लोग परेशान हो कर सड़क जाम, प्रदर्शन व तोड़फोड़ करने लगे हैं।
बताया जाता है कि संदेशखाली, कुलतली व सुंदरवन इलाके में राहत सामग्री पहुंचाने व फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने में अभी भी दो दिन और लग सकते हैं।
दार्जिलिंग भेजी गयी आपदा प्रबंधन की टीम, गृह सचिव आज जायेंगे : मुख्यमंत्री बुद्धदेव भंट्टाचार्य ने महानगर में विद्युत आपूर्ति सामान्य करने के लिए सीइएससी को निर्देश दिया है। उन्होंने खुद सीइएससी के अधिकारियों से बातचीत की और अतिरिक्त कर्मियों को लेकर बिजली की आपूर्ति स्वाभाविक करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने बुधवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उत्तार बंगाल में भी स्थिति गंभीर होने की सूचना मिली है। दार्जिलिंग में भू धसान से 21 लोगों के मारे जाने की खबर है। वहां आपदा प्रबंधन की दो टीमें भेज दी गयी है। सिलीगुड़ी से सूखा खाना, त्रिपाल और अन्य राहत सामग्री दार्जिलिंग भेजी गयी है। गुरुवार को गृह सचिव अद्र्धेदू सेन पहाड़ में स्थिति का जायजा लेने के लिए वहां जायेंगे।
सुंदरवन के वन्यजीवों पर भी तूफान ने ढाया कहर : आयला ने दुनिया के सबसे बड़े मैंग्रोव जंगल सुंदरबन को इसने बुरी तरह प्रभावित किया है। सुंदरबन में अब तक व्यवस्थित राहत कार्य शुरू नहीं किया जा सका है। आयला से हुई तबाही ने सबसे ज्यादा यहां के वन्य जीवों को प्रभावित किया है। संवेदनशील पर्यावरण वाले सुंदरबन की मुख्य पहचान रायल बंगाल टाइगर को भी तूफान के कहर का सामना करना पड़ा है। तूफान थमने के बाद वन विभाग द्वारा शुरू किये गये प्रारम्भिक बचाव कार्यो में अब तक तीन हिरणों के शव बरामद किये गये हैं जबकि दो को बचा लिया गया। वन अधिकारियों के मुताबिक नदियों के तटबंध टूटने से अभी भी जंगल का बड़ा हिस्सा पानी में डूबा हुआ है। पानी घटने के बाद ही नुकसान का वास्तविक आकलन हो सकेगा।
गांव में पहुंची बाघिन : तूफान के बाद संजेखाली टाइगर रिजर्व से एक बाघिन गोमोर नदी पार कर स्थानीय गांव जमेशपुर पहुंच गयी। यहां के निवासी पिंटू ने बताया कि गांव में खड़ी बाघिन को देखकर लोगों के होश उड़ गये। तूफान के कहर से बाघिन काफी भयभीत दिखायी पड़ रही थी। वन विभाग को सूचना देने के बाद उसे बेहोशी का इंजेक्शन लगाकर जंगल के अंदरूनी हिस्से में छोड़ा गया।
तूफान की तबाही के बाद स्वाभाविक हुआ महानगर : तूफान से हुई भारी तबाही के बाद तीसरे दिन महानगर लगभग स्वाभाविक हो गया। मौसम सामान्य होने से लोग अपने दैनिक कार्यो में लग गये। कोलकाता की सड़कों पर गिरे वृक्षों को हटा लिया गया है। हालांकि फुटपाथों पर वृक्षों की टहनियां व्यवधान उत्पन्न कर रही थीं।
तूफान पीड़ितों के लिए आज से वामो का धन संग्रह अभियान : वाममोर्चा के कार्यकर्ता गुरुवार से प्राकृतिक आपदा में पीड़ितों के लिए धन संग्रह अभियान शुरू करेंगे। पीड़ितों को राहत और पुनर्वास के लिए गुरुवार से शुरू होनेवाला धन संग्रह अभियान लगातार 3 जून तक चलेगा।
ममता ने कहा- सरकार विफल : रेलमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि राज्य सरकार चक्रवाती तूफान से पीड़ितों को राहत पहुंचाने में विफल रही है। अब भी दक्षिण चौबीस परगना जिले के कई इलाकों में पीड़ित लोग पानी में रहने को विवश हैं। उन्हें खाद्य सामग्री और न पेयजल नहीं मिल रहा है। पूर्व मेदिनीपुर, पश्चिमी मेदिनीपुर, हावड़ा व हुगली के भी कुछ इलाकों में पीड़ितों तक राहत नहीं पहुंचायी गयी है। बंगाल में आपदा प्रबंधन के नाम पर कोई व्यवस्था नहीं है। सरकार राहत पहुंचाने के पहले घर बनाने के लिए क्षतिपूर्ति देने की घोषणा कर रही है जबकि जीवन बचाने के लिए भोजन जरूरी है। उन्होंने कालीघाट स्थित अपने निवास पर दिल्ली जाने के पूर्व पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा कि मैं दिल्ली जा रही हूं वहां प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह से पीड़ितों के विशेष पैकेज के लिए बात करुंगी। मैं केन्द्रीय प्रतिनिधि हूं लेकिन मेरे साथ सरकार के किसी प्रतिनिधि ने बात नहीं की।

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