Monday, May 25, 2009

टूट रहा है सब्र का बांध

खड़गपुर सर्वोच्च न्यायालय का यह आदेश है कि मांस के लिये खुले स्थानों में पशुओं को न काटा जाये। बावजूद इसके विभिन्न जगहों में पशुओं को खुलेआम काटा जाता है। पशुओं को खुलेआम काटने से जहां बच्चों के कोमल मन पर बुरा असर पड़ता है, वहीं इससे पर्यावरण को भी हानि पहुंचती है। वर्षो से पंचबेड़िया इलाके में एक स्लाटर हाउस के निर्माण की बाट जोह रहे इलाके के निवासियों के सब्र का बांध अब टूटने लगा है।
पंचबेड़ि़या निवासी ईशाक खान ने कहा कि जहां-तहां पशुओं को काटे जाने से आस-पास गंदगी फैलती है। इसके अलावा पशुओं को कटता देखकर बच्चों के कोमल मन पर बुरा असर पड़ता है, जो समाज के लिये काफी घातक है। उन्होंने कहा कि पंचबेड़िया में काफी तादाद में जहां-तहां बीफ की दुकानें हैं। स्लाटर हाउस न होने से प्रदूषण फैलता है। मोहम्मद रफी का कहना है कि वार्ड-5 में वर्तमान व पूर्व सभासद ने चुनाव जीतने के बाद इलाके में एक स्लाटर हाउस बनाने का नागरिकों से वादा किया था लेकिन दोनों में किसी ने अब तक स्लाटर हाउस नहीं बनवाया। उन्होंने कहा कि स्लाटर हाउस बनने से सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलने के साथ ही प्रदूषण व गंदगी की समस्या से निजात भी मिल जायेगी। ईशाक अली खान, मुर्तजा मंडल व बबलू खान ने भी पंचबेड़िया क्षेत्र में शीघ्र ही एक स्लाटर हाउस बनाने की मांग उठायी। इन लोगों का कहना है कि स्लाटर हाउस बनने से मांस विक्रेताओं के साथ ही सभी को राहत पहुंचेगा। डीएन राव, बीए राव व प्रवीण मंडल का कहना है कि शहर में पहले एक स्लाटर हाउस था जहां तत्कालीन प्रशासन की ओर से एक चिकित्सक की भी नियुक्ति की गयी थी। इस हाउस में स्वस्थ पशुओं को ही काटा जाता था लेकिन बाद में इसे बंद कर दिया गया। इन लोगों ने भी शीघ्र एक स्लाटर हाउस बनाने की मांग की

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