Sunday, May 24, 2009

भजन गाने से आत्मसंतुष्टि मिलती है- लक्खा सिंह


सुप्रसिद्ध भजन लखबीर सिंह लक्खा का कहना है भजन गाने से उन्हें आत्मसंतुष्टि मिलती है। उनके मुताबिक, भजनगायन के क्षेत्र में आने से वर्तमान और भविष्य दोनों सुधरते हैं। उन्होंने इसका खुलाखा करते हुए कहा कि भजन गाने से इस लोक में सम्मान मिलता है, धन मिलता है और पहचान मिलती है। वहीं, देवी-देवता को याद करते रहने या धार्मिक काम में लगे रहने से परलोक भी सुधर जाता है। लक्खा सिंह बीते दिनों जया सिंह के मुंबई स्थित नवनिर्मितआवास के उद्घघाटन मौके पर आयोजित रात्रि जागरण में अपनी पूरी टीम के साथ जागरण स्थल रघुलीला मॉल पहुंचे थे। मॉल के द जंगल हॉल में आलौकिक श्रृंगार, अखंड ज्योति और छप्पन भोग के समक्ष उन्होंने सारी रात कर्णप्रिय व मधुर भजन सुनाकर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। पेश है इस मौके पर जनसत्ता (कोलकाता) से जुड़े शंकर जालान की लखबीर सिंह लक्खा से हुई बातचीत के मुख्य अंश।-आप ने भजन गाना ही क्यों चुना ?--सही कहूं तो भजन गाने से मुझे आत्मसंतुष्टि मिलती है। गीत-गजल गाने में हो सकता है कि अधिक नाम व पैसा मिले, लेकिन वह सम्मान व संतुष्टि नहीं मिल पाती। इसीलिए मैंने यह क्षेत्र चुना।-आप से पहले भी आपके परिवार में कोई इस क्षेत्र यानी पेशेवर गायकी में आया है ?--जी नहीं, इस पेशे में नहीं आया, लेकिन मेरा पूरा परिवार आध्यात्मिक रहा है। पूजा-पाठ में शुरू से ही लगन रही थी। बड़े होने पर इस ओर ही रूझान हो गया। बड़ी बात यह रही कि घर वालों का भी पूरा सहयोग मिला।-गायन के क्षेत्र में किसे अपना आदर्श मानते है ?--लता मंगेश्वकर को में अपना आदर्श मानता हूं।-इसके पीछे क्या कारण है ?--कारण के बारे में पुख्ता नहीं कह सकता। बचपन से ही उनके गाए गीत सुनते आ रहा हूं। लालिकले से गाया उनका देशभिक्त गीत ये मेरे वतन के लोगों.... बार-बार सुनने को जी करता है। मजे की बात यह है कि ज्यों-ज्यों लताजी की उम्र बढ़ती जा रही है त्यों-त्यों उनकी आवाज और अधिक सुरीली होती जा रही है।-देश के अलावा विदेश में भी भजन गाने का अवसर मिला है ?--जी हां।-कौन-कौन से देश में आपने कार्यक्रम पेश किए हैं ?--दुबई, नेपाल, अमेरिका और कनाड़ा में।-अब तक भजनों की आपकी कितनी सीडी व कैसेट रिलीज हो चुकी है ?--तीन सौ से ज्यादा।-किस-किस रचनाकारों के लिखे गीत गाते हैं ?--विनोद अग्रवाल, सरल कवि, जयप्रकाश के अलावा खुद के लिखे भजन गाता हूं।-अब तक कोई सम्मान मिला है क्या ?--वैसे तो कई सम्मान मिले हैं, लेकिन मेरी नजर में सबसे बड़ा सम्मान गुलशन कुमार अवार्ड का मिलना है।-क्या अपनी संतान को इस क्षेत्र में लाना पसंद करेंगे ?-- अगर उनकी इच्छ होगी तो मैं रुकावट नहीं डालूंगा।-आपकी तमन्ना क्या है ?-- लोगों का प्यार मुझे इसी तरह मिलता रहे। मेरी आवाज ही मेरी पहचान बने। यह तमन्ना है। -आखिरी सवाल सिंह परिवार जिन्होंने आज के जागरण का आयोजन किया है के बारे में कुछ कहना चाहेंगे ?--मैनें सिंह परिवार विशेष कर बेटी जया सिंह और बहन अंजू सिंह के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। आज के आधुनिक युग में जहां लोग नाच-गाने के पीछे दीवाने हैं ऐसे में जया और अंजू साधुवाद की पात्र है जिन्होंने माता रानी के जागरण आयोजन किया और परिवार के सैकड़ों लोगों से पूरी रात जाग कर भजने सुने।

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