Saturday, May 23, 2009

ऐसे होता है सेक्स का कारोबार..

एक कोड नंबर लो, मनपसंद साथी पाओ और ऐश करो। न पुलिस का खौफ, न जगह की चिंता। देह व्यापार के दलालों और कॉलगर्ल के रहस्यमयी संसार में झांकने की एक कोशिश..कोड नंबर लो, मनपसंद साथी पाओकितने भी दावे किए जाएं लेकिन शहर में देह बेचने का धंधा फलफूल रहा है, दलाल नए-नए रास्ते निकाल पुलिस-प्रशासन की नाक में दम किए हुए हैं। नए तरीके के रूप में दलालों ने ग्राहकों को कोड नंबर जारी किए हैं। मोबाइल पर कोड नंबर बताइए और बस सौदा पटा। वांछित जगह पर कॉलगर्ल आपको मिल जाएगी। पूरा धंधा इतने व्यवस्थित तरीके से जारी है कि कोड नंबर देकर किसी मॉल या शापिंग सेंटर के बाहर से कॉलगर्ल और ग्राहक किसी आम युवा साथी की तरह पुलिस के सामने से ही हाथ में हाथ डाले निकल जाएंगे। देह बैंक-कमसिन लड़कियों की डिमांडछानबीन से पता चला कि अहमदाबाद, वड़ोदरा, सूरत और मुंबई के दलालों के बीच देह व्यापार का पूरा बैंक ही चलता है। ना सिर्फ ये अपने डाटा का आदान-प्रदान करते हैं बल्कि एक-दूसरे को कॉलगर्ल की सप्लाई भी करते हैं। सेक्स रैकेट को चलाने के लिए दलाल अन्य राज्यों में जाकर वहां मौजूद दलालों के माध्यम से कमसिन और खूबसूरत लड़कियों को लाते हैं। इसका खुलासा दलाल राजू (बदला हुआ नाम) से हुआ, इसने अहमदाबाद स्थित दलाल के पास से कुछ युवतियों को लाया था।शहर से भी बाहर भी इन लड़कियों की सप्लाई की जाती है। राजू ने बताया कि शहर में शौकीन लोगों में कमसिन लड़कियों की सबसे ज्यादा डिमांड है। इनके लिए ग्राहक ज्यादा से ज्यादा रुपए देने को तैयार रहते हैं। इन्हीं शौकीनों के लिए हमें कम उम्र की लड़कियों की दूर-दूर तक जाकर खोज करनी पड़ती है। दलाल नेटवर्क-लाख की चोखी कमाईदलाल मुंबई, कोलकता या अन्य राज्यों में चल रहे देह व्यापार के धंधों में शामिल होता है। इनसे मिलाकर पूरा नेटवर्क बनाता है। इसका हिस्सा हुए बिना कोई यहां धंधा नहीं कर सकता है। एक अन्य दलाल बाबू ने बताया। हम बंगाल से एक महीने में कॉन्ट्राक्ट पर एक युवती को 50 हजार रुपए में लाते हैं और अगर लड़की देखने में सुंदर व कमसिन है तो कीमत भी बढ़कर 1 लाख हो जाती है। उनकी कमाई भी चोखी होती है हमें भी ठीक-ठाक सा पैसा मिल जाता है। कई बार इन लड़कियों की नुमाइश भी की जाती है ताकि कद्रदान इनमें से अपनी पसंद की चुन सके, हां ऐसे मामलों में कीमत जरूर डबल हो जाती है। नाइट पार्टी-एसएमएस से सूचनाबाबू ने बताया कि दलालों का अलग-अलग शहरों में अलग-अलग फ्लैट रहता है, जहां पर इन युवतियों को रखते हैं। प्रत्येक दलाल मोबाइल या फोन से अपने आकाओं से जुड़ा रहता है। नई लड़कियों के बाजार में आ जाने पर ये हम अपने पुराने ग्राहकों को एसएसएस के जरिए तत्काल सूचित कर देते हैं। इसके बाद ग्राहक अपने अनुसार नाइट पार्टी का आयोजन करता है। ये नाइट पार्टियां भी इन लड़कियों की नुमाइश का जरिया होती हैं। वहां भी कई कद्रदान आते हैं, जिसे चाहो चुनो। एक युवती के लिए दलाल को 1 लाख रुपए मिला, जबकि कॉलगर्ल के रेट अलग होते हैं। लड़की एक दिन में पांच से छ प्रोग्राम करती हैं। इसका उसे प्रतिदिन के हिसाब से 5 हजार रुपया अलग से मिलता, उसके खाने-पीने और अन्य खर्चे के लिए मिलते हैं। हालांकि है तो ये महंगा धंधा लेकिन शहर के शौकीनों के लिए तो कुछ भी नहीं है।पता नहीं क्या-क्या करना पड़ता हैबाहर राज्य से आई कॉलगर्ल अपना असली पहचान कभी नहीं बताती हैं। एक कॉलगर्ल से मिलने के बाद उसने अपना नाम काजल बताया और कहा कि हमारे देश में बहुत भुखमरी है। हमें परिवार का भरण-पोषण करने के लिए मजबूरन इस धंधे में आना पड़ा। उसने बताया कि मैं पहले कोलकता से मुंबई और मुंबई से अहमदाबाद गई थी। काजल ने सूरत के लोगों का गुणगान करते हुए कहा कल तक उसे जहां 100 रूपए मिलते थे अब वहीं लोग खुश होकर 500 रूपए दे देते हैं। उसने अपनी व्यथा बताते हुए कहा दलालों के मनमानी पैसा लेने के बाद ग्राहक भी अपना पैसा उसके साथ हर ढंग का काम करके वसूल करना चाहते हैं, यहां तक कि उसे ओरल सेक्स, मसाज के साथ सभी सेवाएं देनी पड़ती हैं।हर सप्ताह चाहिए नया माल : दलालइस नेटवर्क को चलाने वाला राजू बंगाली (बदला हुआ नाम) ने बताया कि, सर मंदी की क्या बात करते हो, यहां तो हर सप्ताह नए माल की डिमांड करने वाले ग्राहकों की संख्या बहुत है। सूरत में लगभग 60 से 70 दलाल सक्रिय हैं, जो मोबाइल के माध्यम से धंधे को चलाते हैं। उसने बताया कि कापड मार्केट, हीराबाजार के कुछ ग्राहक हमारे नियमित ग्राहक हैं। उसने बताया कि खुले रूप से यह धंधा भले ही बंद हो गया हो लेकिन आज भी सूरत में रूपवान सुंदरियों का मिलना कोई मुश्किल नहीं है। अब तो ग्राहक भी होशियार हो गए हैं। वे अब एक दलाल का नंबर नहीं बल्कि कई दलालों का नंबर अपने पास रखते हैं।(साभार)नोट- नाम, स्थान सब बदले हुए हैं।

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